कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार ने आज रबी 2025-26 मौसम के लिए राज्य में उर्वरक उपलब्धता, वितरण व्यवस्था और निगरानी तंत्र के विषय में बताया कि भारत सरकार द्वारा बिहार राज्य के लिए इस रबी मौसम में 13.50 लाख मे. टन यूरिया, 3.90 लाख मे. टन डीएपी, 3.50 लाख मे. टन एनपीके, 1.50 लाख मे. टन एमओपी तथा 1.00 लाख मे. टन एसएसपी की आवश्यकता निर्धारित की गई है। राज्य सरकार द्वारा समय पर आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के कारण वर्तमान में बिहार के किसी भी जिले में उर्वरक की कमी नहीं है। ऐसे सभी जरूरतमंद किसानों को ससमय उर्वरक निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध कराया जायेगा।
उन्होंने बताया कि आज दिनांक 24 नवम्बर 2025 तक राज्य में 3.38 लाख मे. टन यूरिया, 1.66 लाख मे. टन डीएपी, 2.48 लाख मे. टन एनपीके, 0.60 लाख मे. टन एमओपी और 1.12 लाख मे. टन एसएसपी का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए विभाग सतत सक्रिय है और आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।
प्रधान सचिव ने कहा कि जीरो ऑफिस डे के तहत् कृषि विभाग के सभी पदाधिकारी उर्वरक की कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर विक्रय और अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए राज्यभर में व्यापक छापामारी अभियान चला रहे है। श्री कुमार ने बताया कि रबी 2025-26 मौसम के दौरान, 24 नवम्बर 2025 तक 10 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर अनियमितता के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 28 उर्वरक प्रतिष्ठानों के प्राधिकार पत्र निरस्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य कर रहा है और उर्वरक से जुड़ी किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रधान सचिव ने सभी जिलों के जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला स्तरीय तथा प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समितियों की बैठकें जहाँ आयोजित नहीं हुई हैं, वहाँ तुरंत आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रखंडवार उर्वरकों का उप-आवंटन स्थानीय आवश्यकताओं, आच्छादन क्षेत्र और फसलवार मांग को ध्यान में रखते हुए किया जाए, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने निर्देश दिया कि सभी उर्वरक प्रतिष्ठानों में पॉस मशीन पर प्रदर्शित स्टॉक और वास्तविक उपलब्धता का नियमित सत्यापन किया जाए। यदि किसी भी प्रकार की विसंगति या अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित प्रतिष्ठान पर जीरो टॉलरेंस के तहत तत्काल कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त, जिले में उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अधिक मूल्य पर बिक्री रोकने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की विशेष जांच टीम का गठन कर नियमित छापामारी और निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए।
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में उर्वरक की तस्करी की संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने कहा कि इन जिलों में विशेष छापामारी दल गठित किए जाएँ और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ समन्वय स्थापित कर उर्वरक की अवैध आवाजाही पर प्रभावी रोक लगाई जाए।
प्रधान सचिव ने कहा कि किसानों के हितों की सुरक्षा और उर्वरकों की आपूर्ति व्यवस्था को सुचारु रखना राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में सभी आवश्यक कदम तेजी से जारी रहेंगे ताकि रबी मौसम में किसानों को उर्वरक उपलब्धता से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।












