89 की उम्र में धर्मेंद्र का निधन, छह दशक के शानदार करियर पर पड़ा पर्दा

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, जिन्हें हिंदी सिनेमा का ‘ही-मैन’ कहा जाता था, अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 वर्ष की आयु में उनके निधन की खबर से फिल्म जगत, प्रशंसकों और उनके चाहने वालों में गहरा शोक फैल गया। पंजाब की मिट्टी से उठकर देशभर में लोकप्रिय हुए धर्मेंद्र का फिल्मी सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ था और देखते ही देखते वे भारतीय फिल्मों के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में शुमार हो गए। उनकी दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस, संवाद अदायगी, सहज अभिनय और आकर्षक व्यक्तित्व ने उन्हें लाखों दिलों का पसंदीदा बना दिया।

धर्मेंद्र का करियर छह दशकों से अधिक समय तक फैला और इस सफर में उन्होंने करीब 300 फिल्मों में काम किया। चाहे रोमांस हो या एक्शन, ड्रामा हो या कॉमेडी—उन्होंने हर शैली में अपनी एक अलग पहचान बनाई। दर्शकों के बीच उनकी लोकप्रियता 1975 में आई फिल्म ‘शोले’ के बाद चरम पर पहुँच गई, जिसमें उन्होंने ‘वीरू’ का किरदार निभाया। यह भूमिका आज भी भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर मानी जाती है। ‘बसंती, इन कुत्तों के सामने मत नाचना’ जैसे संवाद आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं और धर्मेंद्र की विरासत को जीवंत रखते हैं।

ऑन-स्क्रीन chemistry की बात करें तो हेमा मालिनी के साथ उनकी जोड़ी को दर्शकों ने बेहद पसंद किया। बाद में दोनों ने विवाह किया और यह जोड़ी बॉलीवुड की सबसे चर्चित जोड़ियों में शामिल रही। उनके बेटे सनी देओल और बॉबी देओल ने भी अपने पिता की तरह हिंदी फिल्मों में महत्वपूर्ण स्थान बनाया। फिल्मी दुनिया के साथ-साथ धर्मेंद्र ने राजनीति में भी कदम रखा था और अपनी सरल और ज़मीनी छवि के कारण जनता के बीच लोकप्रिय रहे।

दिवंगत अभिनेता को अंतिम विदाई देने के लिए मुंबई में हुए अंतिम संस्कार में अमिताभ बच्चन, सलमान खान, आमिर खान और इंडस्ट्री की कई बड़ी हस्तियाँ शामिल हुईं। देओल परिवार के सदस्यों की मौजूदगी और भावुक माहौल ने उनकी विदाई को और भी गहरा बना दिया। सोशल मीडिया पर भी देश-विदेश से लाखों लोगों ने श्रद्धांजलि दी और उनकी फिल्मों, संवादों और यादगार किरदारों को याद किया।

धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे—वे भारतीय सिनेमा का एक युग थे। उनकी सरलता, उनकी मुस्कान, उनका मर्दाना लेकिन भावनात्मक व्यक्तित्व और उनका विशाल फिल्मी योगदान आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। वह भले ही दुनिया से रुख़सत हो गए हों, लेकिन उनकी फिल्मों और यादों का संसार हमेशा जीवित रहेगा।

Leave a Comment

और पढ़ें