उत्तर प्रदेश के आगरा में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) की एंटी-इवेज़न टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जूता कारोबारियों की कर चोरी की चाल पर पर्दाफाश किया है। टीम ने कलेक्ट्रेट के पास स्थित एक गोदाम पर छापा मारकर लगभग 16 हजार जोड़ी जूते जब्त किए, जिन्हें देशभर में बिना किसी वैध बिल और जीएसटी दस्तावेज़ों के भेजा जा रहा था। यह माल पूरी तरह से पैक कर के रखा गया था और रेलवे पार्सल के ज़रिए विभिन्न राज्यों तक भेजने की तैयारी चल रही थी। अधिकारियों के मुताबिक जब्त किए गए जूतों की अनुमानित बाज़ार कीमत करीब सवा करोड़ रुपये आंकी गई है।
जांच के दौरान पता चला कि इन जूतों को बिना किसी टैक्स रिकॉर्ड के आगरा से लखनऊ, कानपुर, मेरठ, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक तक भेजा जा रहा था। प्राथमिक पूछताछ में गोदाम संचालक और एक एजेंट की भूमिका सामने आई है, जिनके माध्यम से यह पूरा नेटवर्क संचालित होता था। माना जा रहा है कि कारोबारी जूतों की बड़ी खेप को छोटे-छोटे पार्सल में बदलकर रेलवे के जरिए भेजते थे, जिससे जीएसटी विभाग की नजरों से बचा जा सके।
छापे के दौरान सीजीएसटी टीम ने गोदाम से जुड़े कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण—जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल—भी अपने कब्जे में ले लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन उपकरणों की फोरेंसिक जांच से यह स्पष्ट होगा कि असल माल सप्लायर कौन थे, खरीदार किन-किन राज्यों में बैठे थे और पार्सल भेजने के लिए कौन-सा नेटवर्क इस्तेमाल किया जाता था। एजेंसी को उम्मीद है कि डिजिटल सबूतों के आधार पर कर चोरी में शामिल बड़े नाम और फर्जी बिलिंग का पूरा तंत्र सामने आ जाएगा।
सीजीएसटी के अनुसार पूरे मामले की पड़ताल ज़ोर-शोर से जारी है और कर चोरी में शामिल सभी व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। विभाग यह भी जांच कर रहा है कि क्या इस अवैध सप्लाई चैन में रेलवे पार्सल के कर्मचारी या अन्य स्थानीय एजेंट शामिल थे। फिलहाल जब्त माल को सुरक्षित रखा गया है और आगे की कार्रवाई के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। शुरुआती जांच के आधार पर यह मामला आगरा के जूता उद्योग से जुड़े एक बड़े टैक्स चोरी नेटवर्क की ओर संकेत करता है, जिसे कई स्तरों पर चलाया जा रहा था।












