प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के सीतामढ़ी में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी गठबंधन पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान ने यह साफ संदेश दे दिया है कि जनता अब ‘जंगलराज’ को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। पीएम ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “जंगलराज वालों को इस बार 65 वोल्ट का झटका लगा है”, और जनता ने बता दिया है कि राज्य को अब भय और हिंसा की नहीं, बल्कि विकास की राजनीति की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे बिहार को फिर से ‘‘कट्टा सरकार’’ के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं, जहां गुंडागर्दी और अपराध शासन पर हावी था। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार में विकास की नई रोशनी जगाई है — सड़कें, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव हुए हैं। मोदी ने कहा कि जो लोग कभी बंदूक और अपराध की ताकत से जनता को डराते थे, उन्हें अब जनता के वोट की ताकत ने जवाब दे दिया है।
पीएम मोदी ने युवाओं और महिलाओं के उत्साही मतदान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आज का बिहार बदल चुका है, अब यहाँ के बच्चे अपराध नहीं, बल्कि डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक बनने का सपना देख रहे हैं। यह बदलाव जनता के विश्वास और मेहनत का नतीजा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार युवाओं के लिए रोजगार, शिक्षा और स्टार्टअप के नए अवसर बना रही है, ताकि बिहार आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़े।
अपने भाषण में मोदी ने कहा कि बिहार की जनता ने पहले ही चरण में साफ कर दिया है कि अब उन्हें ‘‘कट्टा’’ नहीं, ‘‘कंप्यूटर’’ चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एनडीए की सरकार ने कानून-व्यवस्था को मजबूत किया है और अपराध पर सख्ती से नियंत्रण किया है। पीएम ने रैली में मौजूद लोगों से अपील की कि वे आने वाले चरणों में भी ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें और बिहार को फिर से ‘‘जंगलराज’’ में लौटने से बचाएं।
रैली में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में बिहार में रेल, सड़क, और डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है। मोदी ने कहा कि बिहार के हर नागरिक की आकांक्षाओं को पूरा करना उनका लक्ष्य है, और विकास के इस अभियान को कोई भी ‘‘कट्टा संस्कृति’’ नहीं रोक सकती।
पीएम मोदी का यह भाषण न केवल विपक्ष पर तीखा हमला था, बल्कि बिहार की जनता से उनके विश्वास की अपील भी थी। उन्होंने कहा कि पहले चरण का मतदान स्पष्ट संकेत है कि बिहार अब पीछे नहीं देखना चाहता। जनता विकास चाहती है, अवसर चाहती है, और यही एनडीए की पहचान है।













