प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 3 नवंबर 2025 को दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित ‘एमर्जिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC) 2025’ का भव्य उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाकर भारत में नवाचार और अनुसंधान को नई दिशा देना है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने देश के वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के विशेष फंड की शुरुआत की। यह फंड सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने, नई तकनीकों के विकास को तेज़ करने और भारत को एक वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, और इसके लिए अनुसंधान व नवाचार का विस्तार आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि यह फंड युवा वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स, उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जिससे वे अपने शोध और विकास कार्यों को नए स्तर तक पहुंचा सकें। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डीपटेक, बायो-मैन्युफैक्चरिंग, क्वांटम साइंस, सेमीकंडक्टर निर्माण और एग्री-टेक जैसे क्षेत्रों को देश के भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया।
ESTIC 2025 में भारत के साथ-साथ कई विदेशी विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों ने भाग लिया। विभिन्न पैनल चर्चाओं और प्रदर्शनियों में भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों, नई तकनीकों और नवाचार परियोजनाओं को प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) की ओर से भारत के विज्ञान और तकनीकी विकास पर आधारित एक विजन डॉक्युमेंट और कॉफी-टेबल बुक भी जारी की गई।
सरकार के अनुसार, यह RDI फंड देश के निजी क्षेत्र को भी शोध में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित करेगा। इसके तहत अनुदान, साझेदारी मॉडल और पूंजी प्रोत्साहन जैसी व्यवस्थाएं की जाएंगी ताकि अनुसंधान परियोजनाएं केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहें, बल्कि उनके व्यावसायिक उपयोग और समाज में असर तक पहुंच सकें। उद्योग जगत ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे भारत का नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र (innovation ecosystem) और मजबूत होगा।
ESTIC 2025 भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक बन गया है, जहां भविष्य की तकनीकों पर विचार-विमर्श हो रहा है। यह सम्मेलन भारत को “विज्ञान और नवाचार के वैश्विक नेतृत्व” की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी, पंजीकरण प्रक्रिया और घोषणाएं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय और ESTIC की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।













