मोदी ने छठ पूजा के बहाने विपक्ष पर साधा निशाना, बोले— “आस्था को राजनीतिक ड्रामा बना दिया”

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

बिहार में विधानसभा चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने गुरुवार को बिहार के मुज़फ्फरपुर और छपरा में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के लिए छठी मैया की पूजा सिर्फ एक “राजनीतिक ड्रामा” बनकर रह गई है। पीएम मोदी ने कहा कि इन दलों के नेताओं ने आस्था और परंपरा का अपमान किया है, जो बिहार की संस्कृति और जनता की भावनाओं के खिलाफ है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि छठ पूजा बिहार की पहचान है, यह महापर्व हमारी माताओं और बहनों की आस्था से जुड़ा है, लेकिन जिन लोगों ने कभी छठी मैया का अपमान किया, वे आज चुनावी मंचों पर नाटक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता सब देख रही है और इस बार ऐसे लोगों को जवाब देगी।

मोदी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि विपक्ष की राजनीति केवल जाति और परिवार तक सीमित है। उन्होंने कहा कि “RJD और कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करती हैं, लेकिन विकास और संस्कार की बात कभी नहीं करतीं।” पीएम ने जनता से अपील की कि वे उन ताकतों को पहचानें जो केवल सत्ता पाने के लिए धर्म और परंपरा का इस्तेमाल करती हैं।

रैली में प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की विकास योजनाओं का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि बिहार में गंगा एक्सप्रेसवे, ग्रामीण सड़कों, प्रधानमंत्री आवास योजना और जन-धन योजनाओं के माध्यम से सरकार ने गरीबों, किसानों और महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का काम किया है। उन्होंने यह भी कहा कि “आज बिहार विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन विपक्ष की राजनीति राज्य को पीछे ले जाने की कोशिश कर रही है।”

भाजपा नेताओं के अनुसार, हाल के दिनों में विपक्षी दलों के कुछ बयानों को लेकर विवाद खड़ा हुआ था, जिन्हें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला बताया गया। इसी के जवाब में पीएम मोदी ने छठी मैया के सम्मान का मुद्दा उठाया। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिहार में छठ पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है, इसलिए इस विषय पर दिया गया कोई भी बयान सीधे मतदाताओं की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है।

बिहार के राजनीतिक समीकरणों में छठ पूजा का जिक्र पहली बार नहीं हुआ है। पहले भी चुनावी दौर में कई नेता इस पर्व का राजनीतिक संदर्भों में उल्लेख कर चुके हैं। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “जनता की आस्था बनाम विपक्ष का दिखावा” बताकर मुद्दे को और गर्मा दिया है।

Leave a Comment

और पढ़ें