Russia-Ukraine War: पुतिन का दावा—रूस ने दो यूक्रेनी शहरों को घेरा, यूक्रेन ने बताया झूठ

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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध एक बार फिर चर्चा में है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि उनकी सेना ने यूक्रेन के दो अहम शहरों—पोख्रोव्स्क (डोनेट्स्क क्षेत्र) और कुपियान्स्क (खार्कीव क्षेत्र)—को रणनीतिक रूप से घेर लिया है। पुतिन ने कहा कि रूसी बलों ने इन इलाकों में यूक्रेनी सैनिकों को चारों ओर से घेर लिया है और अब युद्धक्षेत्र में रूस की निर्णायक बढ़त बन गई है। उन्होंने यह भी कहा कि रूस युद्ध क्षेत्र में पत्रकारों को बुलाकर स्थिति की वास्तविकता दिखाने को तैयार है, साथ ही यूक्रेनी सैनिकों के लिए “सुरक्षित निकासी मार्ग” (Safe Corridor) प्रदान करने की पेशकश की है।

हालांकि, यूक्रेन ने पुतिन के इन बयानों को पूरी तरह खारिज कर दिया है। कीव के रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कहा कि रूस का यह दावा “झूठ और प्रचार” है। यूक्रेनी सेना के अनुसार, दोनों शहरों में रूसी सेना ने कुछ मोर्चों पर दबाव जरूर बनाया है, लेकिन किसी भी शहर को पूरी तरह से घेरा नहीं गया है। यूक्रेनी जनरल स्टाफ ने बताया कि पोख्रोव्स्क और कुपियान्स्क के आसपास भीषण लड़ाई जारी है, पर दोनों शहरों का नियंत्रण अब भी यूक्रेन के पास है।

स्वतंत्र युद्ध विश्लेषण संस्थानों और पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों ने भी पुतिन के दावों की पुष्टि नहीं की है। Institute for the Study of War (ISW) जैसे संगठनों का कहना है कि रूस ने पोख्रोव्स्क की दिशा में कुछ सामरिक बढ़त जरूर हासिल की है, लेकिन “पूर्ण घेराव” के प्रमाण नहीं मिले हैं। युद्ध से जुड़े स्वतंत्र ब्लॉगर्स और रिपोर्टों के मुताबिक, रूसी सेना शहरों के बाहरी इलाकों तक जरूर पहुंची है, परन्तु यूक्रेनी रक्षा पंक्ति अब भी सक्रिय है और पलटवार जारी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पुतिन का यह दावा केवल सैन्य नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है। इससे रूस घरेलू स्तर पर “विजय की छवि” प्रस्तुत करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता में लाभकारी स्थिति दिखाने की कोशिश कर रहा है। वहीं, यूक्रेन ने इस बयान को रूसी “प्रचार तंत्र” का हिस्सा बताया है, जिसका उद्देश्य पश्चिमी देशों की एकता को कमजोर करना और सैन्य सहायता पर दबाव बनाना है।

कुल मिलाकर, वर्तमान स्थिति अस्पष्ट है। दोनों पक्षों के दावों में बड़ा अंतर है और स्वतंत्र स्रोतों से इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। युद्धक्षेत्र में संघर्ष जारी है, और जब तक वहां की वास्तविक स्थिति का सत्यापन नहीं होता, तब तक यह कहना मुश्किल है कि रूस वास्तव में इन दोनों शहरों को घेरने में सफल हुआ है या नहीं।

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