कर्नाटक के यादगिर ज़िले के गुरमितकल में, जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृहक्षेत्र है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को रूट मार्च निकालने की अनुमति प्रशासन ने शर्तों के साथ प्रदान की है। यह आयोजन आरएसएस के शताब्दी समारोह के अंतर्गत किया जा रहा है। संघ ने इस रूट मार्च की अनुमति के लिए 23 अक्टूबर को जिला प्रशासन को आवेदन दिया था, जिसके बाद प्रशासन ने मार्ग, सुरक्षा व्यवस्था और कानून-व्यवस्था की स्थिति का गहन निरीक्षण करने के बाद मंजूरी दी। प्रशासन की ओर से जारी आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि संगठन को केवल तय किए गए मार्ग पर ही मार्च निकालने की अनुमति दी गई है।
निर्धारित मार्ग के अनुसार रूट मार्च की शुरुआत नरेंद्र राठोड लेआउट से होगी और यह सम्राट सर्कल, बेसवेश्वर (एपीएमसी) सर्कल, हनुमान मंदिर, मराठावाड़ी और कुम्भरावाड़ी होते हुए राम नगर तक पहुंचेगा। इस पूरे रास्ते पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन ने अनुमति देते समय कुल दस शर्तें लगाई हैं, जिनका पालन आयोजकों को अनिवार्य रूप से करना होगा। इन शर्तों में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक या जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले नारे या भाषण नहीं दिए जाएंगे, सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जाएगा और दुकानदारों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा, मार्च में किसी भी व्यक्ति को घातक हथियार या आग्नेयास्त्र ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
प्रशासन ने यह भी कहा है कि अगर रूट मार्च के दौरान किसी सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आयोजकों की होगी और क्षतिपूर्ति उन्हीं से वसूली जाएगी। जिला अधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि किसी भी शर्त का उल्लंघन हुआ तो तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अनुमति रद्द कर दी जाएगी।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब कर्नाटक में आरएसएस के कार्यक्रमों को लेकर प्रशासनिक और राजनीतिक हलचल तेज रही है। राज्य के कुछ हिस्सों में पहले भी आरएसएस के रूट मार्च को लेकर विवाद और विरोध सामने आ चुके हैं, जबकि कुछ मामलों में प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार भी किया था। वहीं, हाल के महीनों में राज्य सरकार ने गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों पर सरकारी परिसरों में नियंत्रण के लिए सख्त दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।
स्थानीय स्तर पर आरएसएस के इस मार्च को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी देखने को मिल रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कुछ सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से सार्वजनिक शांति बनाए रखने की अपील की है, जबकि संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन द्वारा तय सभी नियमों और शर्तों का पालन करने का आश्वासन दिया है। जिला प्रशासन ने कहा है कि रूट मार्च के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा इंतज़ाम पूरी तरह चाक-चौबंद रहेंगे।













