उत्तराखंड ने पिछले तीन वर्षों में पर्यटन के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार की नीतियों और योजनाओं के कारण 2022-23 से 2024-25 तक कुल 23.46 करोड़ पर्यटक उत्तराखंड आए। यह आंकड़ा राज्य की कुल जनसंख्या से कई गुना अधिक है और पर्यटन क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करता है। मुख्यमंत्री धामी ने इसे ‘देवभूमि को मिली नई ऊंचाइयां’ करार देते हुए बताया कि राज्य सरकार ने धार्मिक, सांस्कृतिक और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
सरकार ने चारधाम यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और आकर्षक बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए। साथ ही राफ्टिंग, ट्रैकिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर एडवेंचर टूरिज्म को भी सशक्त किया गया। प्रमुख धार्मिक स्थलों का कायाकल्प और सौंदर्यीकरण करके श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित की गई। होमस्टे योजना के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए गए, जिससे ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा मिला। इसके अलावा ‘शीतकालीन यात्रा’ अभियान के तहत सर्दियों में भी पर्यटकों की बड़ी संख्या को आकर्षित किया गया।
वहीं, विपक्ष ने सरकार पर प्रचार-प्रसार में भारी खर्च करने का आरोप लगाया, लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने इसे राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन के लिए आवश्यक बताया। पर्यटन में इस वृद्धि से स्थानीय लोगों की आय में वृद्धि हुई है और सरकारी खजाने में भी फायदा हुआ है। भविष्य में उत्तराखंड सरकार पर्यटन अवसंरचना को और सुदृढ़ करने, नए पर्यटन सर्किट विकसित करने और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं पर काम कर रही है।
उत्तराखंड का यह पर्यटन मॉडल अन्य राज्यों के लिए आदर्श साबित हो सकता है, जहां धार्मिक, सांस्कृतिक और साहसिक पर्यटन को एक साथ बढ़ावा देकर राज्य की अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री धामी और पर्यटन विभाग के प्रयासों के कारण राज्य ने न केवल पर्यटकों की संख्या बढ़ाई है, बल्कि ‘देवभूमि’ की पहचान को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।













