बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस चरण में 18 जिलों की कुल 121 सीटों पर मतदान होगा, जिसमें प्रमुख दलों राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड [JDU] की स्थिति बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। RJD ने इस चरण में कुल 71 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने महागठबंधन के तहत 25 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं। अन्य सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति अभी पूरी तरह से नहीं बन पाई है। कांग्रेस ने विशेष रूप से पूर्व RJD नेताओं इरफान आलम और जितेंद्र यादव को क्रमशः कसबा और पूर्णिया सीटों से उम्मीदवार बनाया है, जिससे गठबंधन की रणनीति पर खासा ध्यान दिया जा रहा है।
वहीं, JDU ने पहले चरण में 57 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। NDA के तहत JDU को कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ने का अवसर मिला है। इस पार्टी ने अपने चुनावी दावों को मजबूत करने के लिए पूर्व मंत्री श्याम राजकुमार, विजय कुमार चौधरी, शारवण कुमार और शीतल मंडल जैसे नेताओं को टिकट दिया है। खास बात यह है कि 11 वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करने के कारण निष्कासित किए गए साबिर अली को आमौर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि सबा जफर का टिकट रद्द कर दिया गया है।
भाजपा ने पहले चरण के लिए 71 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, लेकिन तकनीकी कारणों से भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन निरस्त हो गया, जिससे NDA को एक सीट की कमी का सामना करना पड़ा। अन्य प्रमुख दलों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने छह सीटों पर स्वतंत्र रूप से उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है, जबकि तेज प्रताप यादव द्वारा स्थापित जनशक्ति जनता दल ने 21 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
पहले चरण में कुल 121 सीटों पर होने वाले चुनाव में RJD और JDU की सीटों की स्थिति निर्णायक भूमिका निभाएगी। महागठबंधन में सीटों को लेकर असहमति और NDA में टिकट विवाद की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में इन दलों की रणनीतियाँ, गठबंधन की स्थिति और उम्मीदवारों का प्रभाव चुनाव परिणामों को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक होगा।













