यूक्रेन के ड्रोन हमले से रूस का गैस प्लांट धुआं-धुआं, ओरेनबर्ग की यूनिट में लगी भीषण आग

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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच एक बार फिर यूक्रेन ने रूस की ऊर्जा अवसंरचना को निशाना बनाया है। ताजा घटना में यूक्रेनी ड्रोन हमले से रूस के ओरेनबर्ग (Orenburg) क्षेत्र में स्थित गैजप्रोम (Gazprom) के गैस-प्रोसेसिंग प्लांट में भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि यह हमला रात के अंधेरे में किया गया, जिससे संयंत्र की एक पूरी कार्यशाला आग की चपेट में आ गई। स्थानीय प्रशासन ने तुरंत फायर ब्रिगेड और आपातकालीन सेवाओं को मौके पर भेजा, जिन्होंने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, आग से संयंत्र का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है।

गैजप्रोम का यह संयंत्र रूस के सबसे बड़े गैस प्रोसेसिंग केंद्रों में से एक है, जिसकी सालाना क्षमता सैकड़ों करोड़ घन मीटर गैस संसाधित करने की बताई जाती है। हमले के बाद कज़ाखस्तान की ऊर्जा मंत्रालय ने भी पुष्टि की कि इस घटना के चलते संयंत्र ने कज़ाख गैस की आपूर्ति (intake) को अस्थायी रूप से रोक दिया है। हालांकि गैजप्रोम की ओर से अभी तक नुकसान के सटीक आंकड़े या संचालन बहाली की समयसीमा को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

यूक्रेनी सेना ने इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य रूस की ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित करना है, ताकि युद्ध में इस्तेमाल हो रहे संसाधनों पर दबाव बनाया जा सके। वहीं रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने कई ड्रोन को रास्ते में ही मार गिराया, हालांकि कुछ ड्रोन लक्ष्यों तक पहुँचने में सफल रहे। इस बीच, समारा (Samara) क्षेत्र के नोवोकुबिशेव्स्क (Novokuibyshevsk) तेल रिफाइनरी पर भी ड्रोन हमला हुआ, जहाँ एक यूनिट में आग लगने और विस्फोट की खबरें सामने आईं।

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, दोनों घटनाओं में किसी कर्मचारी के घायल होने की सूचना नहीं है और आसपास के इलाकों के लिए तत्काल कोई खतरा नहीं बना। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों में रात के समय आग की तेज लपटें और आसमान में उठता काला धुआं स्पष्ट रूप से देखा गया। आपात सेवाओं ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया और बचाव कार्य जारी रखा।

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन अब रूस के ईंधन और ऊर्जा ढांचे को रणनीतिक रूप से कमजोर करने पर फोकस कर रहा है। पिछले कुछ महीनों में यूक्रेनी ड्रोन हमलों की आवृत्ति बढ़ी है, जिनका प्रभाव रूस के तेल रिफाइनिंग और गैस प्रोसेसिंग सेक्टर पर साफ देखा जा रहा है। इन हमलों से रूस की ऊर्जा आपूर्ति क्षमता पर दबाव बन सकता है और लंबी अवधि में क्षेत्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने की संभावना है।

हालांकि, रूस ने इन घटनाओं के आर्थिक प्रभाव को कम दिखाने की कोशिश की है। विशेषज्ञों का कहना है कि असली नुकसान का आकलन तभी संभव होगा जब गैजप्रोम और अन्य सरकारी कंपनियां विस्तृत रिपोर्ट जारी करेंगी। फिलहाल, रूस के ऊर्जा मंत्रालय ने जांच के आदेश दिए हैं और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

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