हरिद्वार में अर्धकुंभ की आहट—गंगा आरती देखने के लिए बनेगा खास ‘वीआईपी घाट’

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

उत्तराखंड में वर्ष 2027 में होने वाले हरिद्वार अर्धकुंभ को भव्य और अत्याधुनिक स्वरूप देने के लिए तैयारियाँ तेजी से आगे बढ़ रही हैं। सरकार और मेला प्रशासन ने मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की सूची को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, जिनमें सबसे प्रमुख है हरकी पैड़ी के ठीक सामने प्रस्तावित ‘वीआईपी घाट’। यह नया घाट सीसीआर भवन और धनुष पुल के बीच स्थित खाली भूमि पर बनाया जाएगा और लगभग 84 मीटर लंबा होगा। इसे इस तरह डिज़ाइन किया जा रहा है कि संतों, विशेष अतिथियों और विदेशी श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी की गंगा आरती का सीधा और व्यवस्थित दर्शन मिल सके। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब ₹1.82 करोड़ है, जिसका प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इसके साथ ही पूरे अर्धकुंभ क्षेत्र का विस्तार भी पहले से तय किया जा चुका है, जिसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, देवप्रयाग और आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर लगभग 1,454 हेक्टेयर क्षेत्र को मेला जोन घोषित किया गया है। मुख्य मेला क्षेत्र अकेले हरिद्वार में लगभग 670 हेक्टेयर में फैला होगा, जहाँ सबसे अधिक भीड़ और आयोजन केंद्रित रहेंगे।

सरकार अर्धकुंभ को पारंपरिक कुंभ की तर्ज पर भव्य रूप देने के लिए बड़े पैमाने पर सड़क, प्रकाश, सुरक्षा और स्वच्छता से जुड़े कार्यों पर विशेष ध्यान दे रही है। हरिद्वार को जोड़ने वाले राजमार्गों और आंतरिक मार्गों के सुधार के लिए लगभग ₹120 करोड़ के कार्य प्रस्तावित हैं। महत्वपूर्ण घाटों—हरकी पैड़ी, मालवीय घाट, सुभाष घाट आदि—पर भीड़ प्रबंधन, सीसीटीवी निगरानी, निकासी मार्ग, बैरिकेडिंग और आपदा प्रबंधन के लिए उन्नत सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। मुख्यमंत्री द्वारा अखाड़ा परिषद और संत समाज के साथ की गई बैठकों में व्यवस्था, सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और यात्रियों के सुचारू प्रवाह जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई है। गंगा तटों की सफाई, नालों के सुधार और घाटों के आधुनिकीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है, ताकि न केवल मेला अवधि बल्कि लंबे समय तक तटों की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखी जा सके।

यातायात और परिवहन प्रबंधन भी अर्धकुंभ 2027 की तैयारी का प्रमुख हिस्सा है। रेलवे और बस स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने, अस्थायी पार्किंग क्षेत्रों के विकास और बड़े स्तर पर आने वाले श्रद्धालुओं को संभालने के लिए विशेष यातायात प्लान तैयार किया जा रहा है। शासन जनवरी से अप्रैल 2027 के बीच अर्धकुंभ आयोजित करने की योजना बना चुका है, जिसके दौरान प्रमुख स्नान तिथियों पर लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन सेवाओं, स्वास्थ्य सुविधाओं और आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत करने की तैयारी भी जारी है। सभी परियोजनाओं के प्रस्ताव शासन स्तर पर भेज दिए गए हैं, जिनकी मंज़ूरी के बाद निर्माण कार्यों को समयबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा, ताकि 2027 तक हरिद्वार एक सुरक्षित, सुविधाजनक और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार हो सके।

Leave a Comment

और पढ़ें