बंगाल में बाबरी-स्टाइल मस्जिद की नींव रखने का आयोजन, प्रशासन ने लगाया हाई-एहतियाती बंदोबस्त

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा इलाके में आज ‘बाबरी-स्टाइल’ मस्जिद का शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन को लेकर बेहद भव्य तैयारियाँ की गई हैं और आयोजक दावा कर रहे हैं कि लगभग तीन लाख लोग इसमें शामिल होंगे। समारोह के लिए खाने-पीने की भी विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें 40 हजार पैकेट बिरयानी अतिथियों और स्थानीय लोगों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इस मौके पर सऊदी अरब सहित देश-विदेश के कई धर्मगुरु भी शामिल होंगे।

आयोजकों के अनुसार, 25 बीघा जमीन पर बनने वाले इस मस्जिद परिसर का शिलान्यास 6 दिसंबर को किया जाएगा, जो ऐतिहासिक रूप से उस तारीख से जुड़ा है जब 1992 में अयोध्या की विवादित मस्जिद ध्वस्त हुई थी। आयोजन स्थल पर लगभग 150 फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा मंच बनाया गया है, जिसमें 400 मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई है। समारोह को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए तीन हजार स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे, जो भीड़ और यातायात नियंत्रण में मदद करेंगे।

चूंकि यह कार्यक्रम संवेदनशील विषय से जुड़ा है, इसलिए प्रशासन ने इलाके को हाई-सिक्योरिटी ज़ोन घोषित किया है। पुलिस, रैपिड एक्शन फोर्स और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की संयुक्त तैनाती की गई है। एनएच-12 सहित आसपास के इलाकों में फ्लैग मार्च और गश्त जारी है। प्रशासन ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। इस बीच, एक जनहित याचिका अदालत में दायर की गई थी, लेकिन कोलकाता हाईकोर्ट ने शिलान्यास में दखल देने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया।

सियासी और सामाजिक दृष्टि से यह आयोजन अत्यंत संवेदनशील माना जा रहा है। प्रस्तावित मस्जिद का नाम ‘बाबरी’ इस बात का संकेत देता है कि यह ऐतिहासिक और धार्मिक विवाद से सीधे जुड़ा है। हुमायूं कबीर, जो कार्यक्रम के मुख्य आयोजक हैं, ने स्पष्ट किया है कि वे पार्टी से निलंबन के बावजूद अपने आयोजन को आगे बढ़ाएंगे। उनके इस कदम को लेकर राजनीतिक दलों में प्रतिक्रिया मिली है, कुछ नेताओं ने इसे राष्ट्र-संवेदनशीलता के खिलाफ और साम्प्रदायिक उकसावे वाला बताया है।

इस प्रकार मुर्शिदाबाद में आज होने वाला शिलान्यास कार्यक्रम धार्मिक आस्था, राजनीतिक हित और सामाजिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियां और आयोजक सभी इस कार्यक्रम की शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संपन्नता सुनिश्चित करने में जुटे हुए हैं।

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