तेज़ बारिश ने बढ़ाई मुसीबतें: श्रीलंका में बाढ़-भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त

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श्रीलंका में लगातार हो रही तेज़ बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन की भयावह स्थिति पैदा कर दी है, जिसके कारण देशभर में भारी तबाही देखने को मिल रही है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार अब तक कम से कम 56 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। चाय उत्पादन के पहाड़ी क्षेत्र—विशेषकर बैदुल्ला और नुवारा एलिया—सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं, जहाँ पहाड़ी ढलानों के अचानक धंसने से कई घर मिट्टी में दब गए। रात के समय हुए इन भूस्खलनों ने कई परिवारों को सुरक्षित निकलने का अवसर भी नहीं दिया, जिससे जनहानि और बढ़ गई।

तेज़ बारिश ने देश के बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया है। अब तक 600 से अधिक घरों के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी सामने आई है और हजारों लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। कई क्षेत्रों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गया है, जिससे बचाव दलों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नदियाँ उफान पर हैं और कई प्रमुख सड़कें पानी व मलबे से घिरी हुई हैं। कुछ रेल मार्ग भी प्रभावित हुए हैं, जिसके कारण आवागमन लगभग ठप हो गया है।

सरकार ने हालात की गंभीरता को देखते हुए पूरे देश में स्कूलों और सरकारी दफ्तरों को अस्थायी रूप से बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि लोगों की आवाजाही कम रहे और राहत एवं बचाव कार्य बिना बाधा के चल सके। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका बनी हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में सेना, नौसेना और बचाव टीमों की अतिरिक्त टुकड़ियाँ तैनात की गई हैं, जो हेलिकॉप्टर और नावों की मदद से फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने में जुटी हैं।

राहत संगठनों और प्रशासन की टीमें लगातार भोजन, पानी, दवाइयाँ और आवश्यक सामग्री प्रभावित ग्रामीण इलाकों तक पहुँचाने की कोशिश में हैं। कई जगहों पर भारी मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम भी किया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जोखिम वाले पहाड़ी क्षेत्रों से दूर रहें और अनावश्यक यात्रा न करें। सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और मुआवज़े की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू की जाएगी, ताकि उन्हें जल्द से जल्द सामान्य जीवन में लौटने में मदद मिल सके।

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