धर्मध्वज फहराया, देश में भक्ति-उत्सव: पीएम मोदी बोले — “सत्य और वचन का प्रतीक”

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अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में मंगलवार को ऐतिहासिक क्षण देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के शिखर पर अभिजीत मुहूर्त में धर्मध्वज फहराया। प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान कहा कि यह ध्वज केवल एक कपड़ा नहीं है, बल्कि सदियों से चले आ रहे संकल्प, तपस्या और आस्था का प्रतीक है। उन्होंने इसे “सदियों के सपने साकार होने का प्रतीक” बताते हुए कहा कि यह क्षण उन लाखों लोगों की श्रद्धा और त्याग का परिणाम है जिन्होंने वर्षों तक इस लक्ष्य की प्रतीक्षा की।

समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख, कई प्रमुख साधु-संत, गणमान्य व्यक्ति और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे। मंदिर परिसर में वैदिक अनुष्ठान और आरती का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने जय श्रीराम के नारे लगाकर उत्सव को भक्तिमय बनाया। आयोजकों ने बताया कि यह भगवा ध्वज विशेष रूप से तैयार किया गया है, जिसका आकार लगभग 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है और इसे मंदिर के शिखर पर 42 फीट ऊँचे पोल पर लगाया गया।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि यह ध्वज सत्य और वचन के प्रति अटूट निष्ठा का प्रतीक है, यानी जीवन जाए पर वचन न जाए। इस भव्य आयोजन में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा व्यापक सुरक्षा और व्यवस्थाएँ लागू की गई थीं। अयोध्या शहर में यातायात, सफाई और श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, जबकि मीडिया ने पूरे कार्यक्रम का लाइव कवरेज किया।

धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से इसे सनातन संस्कृति के पुनर्जीवन और राष्ट्रीय आत्मा के उत्थान का प्रतीक माना गया। धर्मगुरुओं और टिप्पणीकारों ने इसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षण बताया। इस प्रकार, अयोध्या के राम मंदिर में धर्मध्वज आरोहण न केवल भव्य उत्सव था बल्कि धार्मिक आस्था और देशवासियों की भावनाओं का एक अभूतपूर्व प्रतीक भी बन गया।

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