संजाैली में हिंदू संगठनों का प्रदर्शन: मस्जिद की सुविधाएँ बंद करने की मांग पर अड़े

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शिमला के संजाैली क्षेत्र में स्थित विवादित मस्जिद को लेकर शनिवार व रविवार को माहौल तनावपूर्ण बन गया, जब कई हिंदू संगठन सड़क पर उतर आए और मस्जिद से तुरंत बिजली-पानी की सप्लाई काटने की माँग करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। देवभूमि संघर्ष समिति और अन्य स्थानीय संगठनों के सदस्यों ने मस्जिद को “अनधिकृत निर्माण” बताते हुए कार्रवाई के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाज़ी करते हुए कुछ समय के लिए चक्का जाम भी किया, जिसके चलते स्थानीय लोगों को आवाजाही में दिक्कतें आईं। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया और पूरे क्षेत्र में कड़ी निगरानी शुरू कर दी।

इस विवाद की जड़ कई वर्षों पुरानी है। मस्जिद के कुछ हिस्सों को नगर निगम और न्यायालय की प्रक्रिया के बाद ‘अनधिकृत’ बताया गया है। अदालत पहले भी मस्जिद के पुराने और अवैध बताए गए हिस्सों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दे चुकी है, जिसके खिलाफ मस्जिद प्रबंधन और वक्फ बोर्ड ने उच्च न्यायालयों तक अपील की है। इसी बीच हाल के दिनों में विवाद और बढ़ गया, जब कुछ लोगों ने नमाज के लिए आने वाले व्यक्तियों को मस्जिद में प्रवेश करने से रोक दिया। इस घटना के बाद पुलिस ने माहौल बिगाड़ने के आरोप में कुछ लोगों पर एफआईआर भी दर्ज की, जिससे तनाव और बढ़ गया। स्थानीय संगठनों का कहना है कि यह मस्जिद नियमों के विपरीत बनी है और इस पर प्रशासन की ओर से त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।

प्रदर्शन के दौरान कुछ सदस्य अनशन पर भी बैठ गए थे। दो दिन से चले अनशन को प्रशासन की ओर से दिए गए आश्वासन के बाद समाप्त करवाया गया, किंतु संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक बिजली-पानी की सप्लाई नहीं काटी जाती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों और प्रदर्शनकारी प्रतिनिधियों के बीच दोपहर में बैठक भी हुई, जिसमें विवाद को शांतिपूर्ण रास्ते से हल करने का प्रयास किया गया। सूत्रों के अनुसार, प्रशासन ने प्रतिनिधियों से अगली बैठक में कुछ मामलों—जैसे दर्ज एफआईआर की समीक्षा और विवादित ढांचे की सुविधाओं पर निर्णय लेने—पर चर्चा का आश्वासन दिया है। आगे की कार्रवाई तय करने के लिए 29 नवंबर की तिथि भी प्रस्तावित की गई है।

संजाैली के संवेदनशील माहौल को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी है। इलाके में लगातार गश्त बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की साम्प्रदायिक झड़प या अप्रिय घटना को रोका जा सके। प्रशासन ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करने की अपील की है। दूसरी ओर, हिंदू संगठनों का कहना है कि जब तक अदालत के पुराने आदेशों के अनुसार विवादित ढांचे पर ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, वे आंदोलन जारी रखने के लिए मजबूर होंगे। वहीं मस्जिद प्रबंधन न्यायिक मार्ग से राहत पाने की उम्मीद में अपने कानूनी प्रयास बरकरार रखे हुए है। कुल मिलाकर, मामले की अगली सुनवाई, प्रशासन के निर्णय और समुदायों के बीच समन्वय ही आने वाले दिनों में स्थिति को तय करेगा कि विवाद किस दिशा में आगे बढ़ेगा।

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