दिल्ली में हालिया विस्फोट की घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है, जिसके बाद उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस और प्रशासन को कई सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि अमोनियम नाइट्रेट सहित सभी जोखिमपूर्ण रसायनों की बिक्री, भंडारण और परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जाए। निर्देशों के अनुसार जिन व्यक्तियों या व्यापारिक इकाइयों के पास इस रसायन की बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड हो, उनकी नियमित जांच की जाए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जाए। व्यापारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे ग्राहकों की पहचान सत्यापित करें और आवश्यक दस्तावेजों के बिना किसी को भी रासायनिक पदार्थ न बेचें।
इस बीच पुलिस और फोरेंसिक टीमों की प्रारंभिक जांच में घटनास्थल से मिले नमूनों में अमोनियम नाइट्रेट के उपयोग की संभावना सामने आई है। जांच एजेंसियों ने कहा है कि यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि रसायन किस स्रोत से आया और उसका उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया गया। विस्फोट की प्रकृति समझने के लिए फोरेंसिक लैब की विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही पुलिस को सौंपी जाएगी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने जांच को और मजबूत करने के लिए इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दिया है। NIA अब संभावित आतंकवादी कोण, संदिग्ध नेटवर्क और घटनास्थल से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक तथा भौतिक सबूतों की गहन जांच कर रही है। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियाँ कई जिलों में रिकॉर्ड, वाहनों, गोदामों और संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों की छानबीन भी कर रही हैं।
इसी बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में केमिकल मार्केट्स पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। व्यापारियों को निर्देश मिले हैं कि वे अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखें, दुकानों में सीसीटीवी कैमरे सही ढंग से काम करें और बड़ी मात्रा में रासायनिक पदार्थ खरीदने वालों की पृष्ठभूमि की जांच की जाए। इसके साथ ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी रासायनिक पदार्थों की बिक्री को रेगुलेट करने की तैयारी की जा रही है ताकि कोई भी खतरनाक सामग्री गलत हाथों में न जाए।
तफ्तीश का दायरा बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों में भी छापेमारी की जा रही है। कई जिलों में खाद और रसायन बेचने वाली दुकानों के रिकॉर्ड खंगाले गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि लाइसेंस नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। गैर-लाइसेंसी भंडारण स्थलों पर खास नजर रखी जा रही है ताकि ऐसी कोई सामग्री बिना अनुमति के न जमा की जाए।
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या असामान्य माल ढुलाई की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि भविष्य में अमोनियम नाइट्रेट जैसे संवेदनशील रसायनों की खरीद-बिक्री के नियमों में संशोधन करके उन्हें और सख्त किया जाएगा। ऑनलाइन बिक्री पर पहचान सत्यापन अनिवार्य करने, गोदामों के सुरक्षा मानक निर्धारित करने और बड़े व्यापारिक केंद्रों में सर्वे बढ़ाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है।
जांच एजेंसियाँ कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज, खरीद-बेच के बिल और गोदामों के दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही हैं। जैसे-जैसे फोरेंसिक रिपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक सबूत मिलते जाएंगे, विस्फोट के असली कारण और दोषियों की पहचान स्पष्ट होती जाएगी। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियाँ पूरी सतर्कता के साथ जांच को आगे बढ़ा रही हैं और भविष्य में ऐसी किसी भी घटना को रोकने के लिए रणनीतिक कदम तेज़ी से लागू किए जा रहे हैं।













