देश की सुरक्षा एजेंसियों को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार लंबे समय से वांछित और एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली माडवी हिड़मा एक मुठभेड़ में मारा गया है। यह ऑपरेशन घने जंगलों वाले उस क्षेत्र में चलाया गया, जहाँ सुरक्षा बलों को नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिली थी। जब संयुक्त बलों ने इलाके में सर्च अभियान शुरू किया तो घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने फायरिंग कर दी, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। इस एनकाउंटर में हिड़मा के साथ उसकी पत्नी और छह अन्य नक्सलियों के भी मारे जाने की जानकारी सामने आई है। घटनास्थल से कई हथियार, गोला-बारूद और रोज़मर्रा के इस्तेमाल का सामान भी बरामद किया गया है, जिनसे इस समूह की सक्रियता और योजनाओं के संकेत मिलते हैं।
मुठभेड़ खत्म होने के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी और सर्च ऑपरेशन को विस्तारित किया। हालांकि हिड़मा की पहचान को लेकर अंतिम आधिकारिक पुष्टि फोरेंसिक प्रक्रिया के बाद ही होगी, लेकिन घटनास्थल से मिले सुराग और बरामद शवों के आधार पर एजेंसियाँ इसे नक्सली मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि बता रही हैं। हिड़मा पिछले कई वर्षों से कई बड़े हमलों, घातक नक्सली अभियानों और सुरक्षा बलों पर किए गए हमलों में शामिल रहा है। वह माओवादी संगठन में एक रणनीतिक और कठोर कमांडर माना जाता था, जिसकी गिरफ्तारी या निष्क्रियता सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई थी।
इस घटनाक्रम के बाद संबंधित राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने इलाके में अतिरिक्त जवान तैनात कर दिए हैं ताकि किसी संभावित प्रतिशोधी कार्रवाई को रोका जा सके। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि हिड़मा नेटवर्क के कमजोर होने से आने वाले समय में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा पर सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है, लेकिन अभियान आगे भी जारी रहेगा क्योंकि जंगलों में सक्रिय अन्य गुटों की तलाश अभी बाकी है।













