बिहार में नई सरकार के गठन की तैयारियाँ पूरी तरह से तेज हो गई हैं और 20 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ चरम पर हैं। सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार नेतृत्व में बनने वाली नई NDA सरकार के मंत्रिमंडल का प्रारूप लगभग तय कर लिया गया है। सत्ता-साझेदारी के फॉर्मूले के तहत भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) (JDU) को समान संख्या में मंत्री पद दिए जाएंगे। दोनों दलों को 16-16 मंत्रीपद मिलने की संभावना जताई जा रही है, जिससे गठबंधन के भीतर संतुलन साधने का प्रयास स्पष्ट नजर आता है। चूँकि चुनाव में BJP सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और JDU भी मजबूत स्थिति में है, इसलिए दोनों पार्टियों को बराबर हिस्सेदारी दिया जाना राजनीतिक रूप से संतुलित फैसला माना जा रहा है।
इसके साथ ही NDA के छोटे सहयोगी दलों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की तैयारी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान की पार्टी को दो मंत्रीपद मिलने की संभावना है। इसके अलावा जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को एक-एक मंत्रीपद देने पर सहमति बनती दिख रही है। इन नामों को अंतिम रूप देने के लिए गठबंधन के सभी दलों को अपने संभावित मंत्रियों की सूची सौंपने को कहा गया है। अगले कुछ दिनों में इन नामों की अंतिम घोषणा होने की उम्मीद है।
नई सरकार में कुल मंत्रियों की संख्या लगभग 36 होने की संभावना है, जो बिहार विधानमंडल में सदस्यों की संख्या के हिसाब से बनाए गए मानक के अनुरूप है। बताया जा रहा है कि प्रति छह विधायकों पर एक मंत्री के फॉर्मूले को आधार बनाकर गठबंधन ने पदों का बंटवारा किया है। पटना में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ जोर-शोर से चल रही हैं और संभावना है कि इसमें कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री स्तर के नेता और राष्ट्रीय राजनीतिक हस्तियाँ शामिल होंगी। समारोह का आयोजन काफी भव्य और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह नई राजनीतिक दिशा और राज्य में स्थिर शासन की उम्मीदों को आगे बढ़ाता है।













