असम के धुब्री जिले में भारतीय सेना ने एक नया सैन्य स्टेशन स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो क्षेत्र की सुरक्षा और खुफिया नेटवर्क को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यह नया स्टेशन, जिसे “लाचित बरफुकन मिलिट्री स्टेशन” नाम दिया गया है, धुब्री जिले के बमुनिगांव क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। यह स्थान सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बांग्लादेश सीमा से लगभग 35 से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति “चिकन नेक कॉरिडोर” के निकट होने के कारण इसे पूर्वोत्तर की रणनीतिक सुरक्षा के लिए अहम माना जाता है।
सूत्रों के अनुसार, यह नया स्टेशन तेजपुर स्थित भारतीय सेना की 4 गजराज कोर (4 Corps) के अधीन होगा। यहाँ लगभग 1,200 से 1,500 सैनिकों की तैनाती की योजना है। इस स्टेशन को शीघ्र operational बनाने के लिए आधुनिक प्री-फैब्रिकेटेड निर्माण तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द यहां सैन्य गतिविधियां प्रारंभ हो सकें। इसके अलावा, सूत्र बताते हैं कि इस स्टेशन पर पैरा-कमांडो यूनिट की तैनाती पर भी विचार किया जा रहा है, जिससे सीमा क्षेत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया और खुफिया निगरानी क्षमता को और सुदृढ़ किया जा सके।
इस स्टेशन की आधारशिला पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. तिवारी ने रखी। कार्यक्रम में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। असम सरकार ने इस परियोजना के लिए आवश्यक भूमि सेना को प्रदान की है, और निर्माण कार्य राज्य प्रशासन के सहयोग से तेजी से चल रहा है। इस स्टेशन की स्थापना से न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और विकास के नए अवसर मिलेंगे।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्टेशन पूर्वोत्तर क्षेत्र में बढ़ती सामरिक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। बांग्लादेश सीमा के नजदीक यह केंद्र सीमापार गतिविधियों, घुसपैठ, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी पर नियंत्रण में मदद करेगा। साथ ही, इससे खुफिया जानकारी जुटाने, संचार निगरानी और त्वरित सैन्य प्रतिक्रिया की क्षमता में बड़ा सुधार होगा। भारत की पूर्वी सीमा पर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने के साथ यह स्टेशन देश की आंतरिक सुरक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा साबित होगा।













