कर्नाटक में गन्ना किसानों का आंदोलन लगातार उग्र रूप लेता जा रहा है, जिससे राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बेलगावी, बागलकोट, हावेरी और विजयनगर जैसे जिलों में हजारों किसान अपनी फसल के उचित मूल्य की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। किसानों का कहना है कि वर्तमान फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) से उनकी लागत भी पूरी नहीं हो पा रही है, इसलिए प्रति टन ₹3,500 का मूल्य तय किया जाए। आंदोलन के चलते कई प्रमुख मार्गों पर जाम की स्थिति बन गई है, जिससे परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई और पुलिस को कई जगह हस्तक्षेप करना पड़ा।
बढ़ते जनदबाव और आंदोलन की तीव्रता को देखते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने आग्रह किया है कि गन्ना मूल्य निर्धारण और किसानों की समस्याओं पर जल्द से जल्द एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जाए, ताकि समाधान निकाला जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना उत्पादन और मूल्य निर्धारण का बड़ा हिस्सा केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए संयुक्त प्रयास से ही किसानों की मांगें पूरी हो सकती हैं।
राज्य सरकार ने आंदोलनरत किसानों से वार्ता के लिए भी पहल की है। मंत्री एच.के. पाटिल ने किसानों के प्रतिनिधियों को बेंगलुरु बुलाकर वार्ता का प्रस्ताव दिया है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को स्वयं किसान नेताओं से मुलाकात का समय तय किया और उनसे शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, किसान संगठनों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस घोषणा नहीं की जाती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
उधर, विपक्ष ने भी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है। भाजपा नेताओं ने किसानों के समर्थन में उतरकर सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने किसानों से मुलाकात की और उनकी मांगों को जायज़ ठहराया। इससे सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
गन्ना किसानों की समस्या केवल मूल्य निर्धारण तक सीमित नहीं है। किसानों का कहना है कि चीनी मिलों द्वारा भुगतान में देरी, बढ़ती लागत और जलवायु संबंधी चुनौतियों ने उन्हें आर्थिक संकट में डाल दिया है। सरकार अब इस प्रयास में है कि केंद्र के सहयोग से न केवल वर्तमान संकट को संभाला जाए, बल्कि दीर्घकालिक नीति बनाकर किसानों को राहत दी जाए। सिद्धारमैया की प्रधानमंत्री से बैठक की अपील इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।













