नेतृत्व में स्थिरता का संकेत: टाटा ट्रस्ट ने चंद्रशेखरन के तीसरे कार्यकाल को मंजूरी दी

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टाटा ट्रस्ट्स ने अपने चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के संभावित तीसरे कार्यकाल के लिए मंजूरी दे दी है। वर्तमान में उनका दूसरा कार्यकाल फरवरी 2027 में समाप्त होगा, जब वे 65 वर्ष के हो जाएंगे। यह निर्णय टाटा समूह की पारंपरिक सेवानिवृत्ति नीति से अलग है, क्योंकि आम तौर पर सक्रिय कार्यकारी भूमिकाओं में 65 वर्ष की उम्र तक ही सेवा दी जाती है।

विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रस्ट्स ने यह कदम समूह की लंबी अवधि की रणनीतियों और अहम परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए लिया है। इनमें सेमीकंडक्टर निर्माण, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी उत्पादन, और एयर इंडिया की पुनर्रचना जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जो समूह के भविष्य और प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। ट्रस्ट्स ने कहा है कि नेतृत्व की निरंतरता बनाए रखना इन योजनाओं की सफलता के लिए जरूरी है।

टाटा ट्रस्ट्स की इस मंजूरी के बाद अगला कदम टाटा सन्स के बोर्ड के समक्ष औपचारिक रूप से इसे पेश करना होगा। बोर्ड की मंजूरी मिलने के बाद ही तीसरे कार्यकाल को आधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा। यदि यह अनुमोदन होता है, तो चंद्रशेखरन संभवतः 2032 तक टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में बने रह सकते हैं।

टाटा समूह के भीतर और उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्णय शीर्ष नेतृत्व में स्थिरता और रणनीतिक परियोजनाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि टाटा ट्रस्ट और बोर्ड, चंद्रशेखरन की नेतृत्व क्षमता और भविष्य की योजनाओं में उनकी भूमिका पर भरोसा करते हैं।

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