UNTCC में थल सेना प्रमुख का संबोधन: “भारत सभी का मित्र है”, वैश्विक शांति में भारत की प्रतिबद्धता पर दिया जोर

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नई दिल्ली — भारतीय थल सेना की मेज़बानी में नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त राष्ट्र ट्रूप कॉन्ट्रिब्यूटिंग कंट्रीज़ (UNTCC) चीफ्स कॉन्क्लेव 2025 में दुनिया भर के 30 से अधिक देशों के सैन्य अधिकारी और सेना प्रमुख एक मंच पर जुटे। इस सम्मेलन का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भागीदारी करने वाले देशों के बीच बेहतर सहयोग, अनुभव साझा करने और आधुनिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा करना था। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत की नीति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना पर आधारित है, और भारत “सभी का मित्र” है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत विश्व शांति और बहुपक्षीय सहयोग के सिद्धांतों का दृढ़ता से समर्थन करता है।

थल सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में बताया कि भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में एक भरोसेमंद भागीदार रहा है और हजारों भारतीय सैनिक दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शांति बहाली के लिए अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि शांति-स्थापना केवल सैन्य कार्रवाई नहीं बल्कि एक समग्र प्रयास है, जिसमें राजनीतिक सहमति, मानवीय दृष्टिकोण और तकनीकी संसाधनों का सामंजस्य जरूरी है। जनरल द्विवेदी ने शांति सैनिकों की सुरक्षा और मिशनों में आधुनिक तकनीकों जैसे उन्नत संचार व्यवस्था, निगरानी प्रणाली और लॉजिस्टिक समर्थन को मज़बूत करने पर बल दिया।

इस सम्मेलन में अमेरिका, फ्रांस, जापान, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका सहित कई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जबकि पाकिस्तान और चीन को इस वर्ष आमंत्रण नहीं दिया गया। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भारत की स्पष्ट विदेश नीति और क्षेत्रीय प्राथमिकताओं को दर्शाता है। सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर मिलकर कार्य करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा की।

जनरल द्विवेदी ने कहा कि आज के दौर में जब विश्व कई भू-राजनीतिक संकटों और संघर्षों से जूझ रहा है, ऐसे में शांति-स्थापना के प्रयास और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा में बल्कि विश्व स्तर पर शांति और स्थिरता कायम करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। भारत की यह पहल वैश्विक शांति प्रयासों में उसका नेतृत्व सुदृढ़ करने के साथ-साथ विकासशील देशों के साथ साझेदारी बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

तीन दिनों तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव में बहुपक्षीय चर्चाएँ, कार्यशालाएँ और द्विपक्षीय वार्ताएँ आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों को अधिक प्रभावी बनाना और योगदानकर्ता देशों के बीच पारस्परिक सहयोग को बढ़ाना है। थल सेना प्रमुख के “भारत सभी का मित्र है” वाले संदेश ने इस सम्मेलन की मूल भावना को दर्शाया — एक ऐसा भारत जो सहयोग, शांति और साझा विकास की दिशा में पूरी दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए प्रतिबद्ध है।

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