ट्रंप ने फिर लिया भारत-पाक संघर्ष विराम का श्रेय, कहा — “मैंने आठवीं जंग रोकी”

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डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर यह दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव को शांत कराने में अहम भूमिका निभाई है। उनका कहना है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को अपने शांति प्रयासों की श्रृंखला में शामिल किया है और इस तरह “आठवीं जंग” को रोकने का श्रेय उन्होंने लिया। ट्रंप बताते हैं कि उन्होंने सिर्फ सैन्य दबाव नहीं, बल्कि आर्थिक दबाव—विशेषकर कस्टम और टैरिफ की धमकियों—का इस्तेमाल किया, जिससे दोनों देशों की सरकारें तनाव को बढ़ाने के बजाय शांत होने को प्राथमिकता दें। ट्रंप का कहना है कि उनका उद्देश्य नोबेल पुरस्कार जैसी लोकप्रिय मान्यताएँ जुटाना नहीं है, बल्कि संघर्ष को रोक कर ज़्यादा लोगों की जान बचाना है।

हालाँकि, ट्रंप के इस दावे को कई मीडिया रिपोर्टों और तथ्य-जाँच संस्थाओं ने विश्लेषण के दायरे में लिया है। उनका कहना है कि ट्रंप जिन “युद्धों” का हवाला देते हैं उनमें से कई सीमित संघर्ष या पुराने नागरिक झड़पें थीं, न कि पूर्ण पैमाने पर युद्ध। इसके अलावा, ये विश्लेषक यह भी कहते हैं कि किसी दो देशों के बीच युद्ध को रोकने या शांत करने में सिर्फ आर्थिक धमकियों का काम नहीं चलता, बल्कि कूटनीति, मध्यस्थता, क्षेत्रीय दलों और दोनों देशों की आंतरिक राजनीतिक परिस्थितियों का भी बहुत बड़ा योगदान होता है।

इस समय कोई सार्वजनिक दस्तावेज़ या आधिकारिक बयान उपलब्ध नहीं है जो ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को उनके दावों के अनुरूप अमेरिका-भारत-पाकिस्तान कूटनीतिक वार्ताओं या व्यापार नीति कार्रवाई से जोड़ता हो। इसलिए ट्रंप का यह श्रेय लेने का दावा विवादों और विश्लेषणों के घेरे में है, और पूरी तरह पुष्ट नहीं है कि अर्द्धशतकीय आर्थिक दबाव ही इस विशेष संघर्ष विराम की मूल वजह है।

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