93 साल का गौरव: राष्ट्रभक्ति और पराक्रम के साथ मना भारतीय वायुसेना का स्थापना दिवस

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नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना आज पूरे गर्व और शौर्य के साथ अपना 93वां स्थापना दिवस मना रही है। इस अवसर पर तीनों सेनाओं के प्रमुख — थल सेना, नौसेना और वायुसेना — ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान के साथ मिलकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की। देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों के प्रति यह भावपूर्ण नमन पूरे राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक बना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अवसर पर सभी वायुसेना कर्मियों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं।

मुख्य समारोह गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित किया गया, जहाँ शानदार वायुसैनिक परेड के साथ-साथ अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम दो चरणों में आयोजित किया गया है — पहला हिंडन बेस पर पारंपरिक परेड और दूसरा गुवाहाटी में आयोजित होने वाला एयर शो। इस वर्ष के प्रदर्शन में राफेल, सुखोई-30MKI, तेजस और जगुआर जैसे आधुनिक विमानों के साथ-साथ हाल ही में रिटायर हुए मिग-21 भी शामिल रहे, जिन्होंने आखिरी बार आकाश में उड़ान भरकर दर्शकों की भावनाओं को छू लिया।

इस मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी ने अपने संदेश में देशवासियों को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भारतीय वायुसेना न केवल सीमाओं की सुरक्षा में बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और मानवीय राहत अभियानों में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का स्थापना दिवस ऑपरेशन ‘सिन्दूर’ के वीरों को समर्पित है, जिन्होंने अदम्य साहस और पेशेवर क्षमता का परिचय दिया।

समारोह के दौरान हवाई करतबों ने आकाश में रंग बिखेर दिए। सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम और सरंग हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन ने अपने रोमांचक प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोह लिया। सोशल मीडिया पर भी वायुसेना के साहस, अनुशासन और समर्पण की जमकर सराहना हुई। प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और अन्य शीर्ष नेताओं ने भी ट्वीट कर वायुसैनिकों के जज्बे को सलाम किया।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों द्वारा पुष्पांजलि अर्पण की तस्वीरें देशभर में चर्चा का विषय बनीं, जो भारतीय सशस्त्र बलों की एकता और समर्पण का प्रतीक हैं। इस मौके पर पूरा राष्ट्र अपने वीर सपूतों को नमन करते हुए वायुसेना के गौरवशाली इतिहास और उसके शौर्यगाथा को याद कर रहा है।

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