ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर केयर स्टारमर (Sir Keir Starmer) 8 और 9 अक्टूबर 2025 को भारत के दो दिवसीय दौरे पर आएंगे। यह स्टारमर का भारत का पहला आधिकारिक दौरा होगा, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर आयोजित किया जा रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को नई दिशा देने का एक अहम अवसर होगी।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक, तकनीकी और रणनीतिक सहयोग को गहराई देना है। दोनों नेता “विजन 2035” (Vision 2035) के ढांचे के तहत आपसी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इस विजन का लक्ष्य व्यापार, निवेश, तकनीकी नवाचार, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में साझा प्रगति को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री केयर स्टारमर भारत प्रवास के दौरान नई दिल्ली और मुंबई में कई उच्च-स्तरीय बैठकों में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी प्रमुख द्विपक्षीय बैठक 9 अक्टूबर को मुंबई में प्रस्तावित है, जिसमें हाल ही में संपन्न भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (FTA) की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। दोनों पक्ष इस बैठक में व्यापार और निवेश को बढ़ाने के नए रास्तों पर विचार करेंगे, साथ ही रक्षा एवं प्रौद्योगिकी सहयोग पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।
स्टारमर के दौरे के दौरान ब्रिटेन का एक बड़ा व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंचेगा, जिसमें उद्योग जगत और निवेश क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। इस दौरान वे भारतीय उद्योगपतियों और व्यापारिक संगठनों से भी मिलेंगे ताकि निवेश और तकनीकी सहयोग को प्रोत्साहित किया जा सके। ब्रिटिश सरकार इस यात्रा को भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अवसर के रूप में देख रही है।
दौरान यात्रा, दोनों देशों के बीच साइबर सुरक्षा, हरित ऊर्जा, रक्षा उत्पादन, और वैश्विक दक्षिण (Global South) के लिए सहयोग जैसे विषयों पर भी बातचीत होने की संभावना है। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और ब्रिटेन, मुक्त व्यापार समझौते के बाद, अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी और “विजन 2035” के तहत दीर्घकालिक सहयोग का रास्ता और स्पष्ट होगा।
8 और 9 अक्टूबर का यह दौरा भारत-यूके संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। राजनीतिक, आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को नई दिशा देने के साथ-साथ यह मुलाकात दोनों देशों की वैश्विक भूमिका को भी सशक्त बनाएगी। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टारमर की यह बैठक आने वाले वर्षों के लिए भारत-ब्रिटेन सहयोग की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।













