भारतीय वेटलिफ्टिंग की स्टार खिलाड़ी और टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू ने एक बार फिर अपने दमदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है। नॉर्वे के फोर्डे शहर में आयोजित विश्व भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2025 में मीराबाई ने महिलाओं की 48 किग्रा भार वर्ग में कुल 199 किलोग्राम (स्नैच 84 किग्रा + क्लीन एंड जर्क 115 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली, लेकिन मीराबाई ने अनुभव और तकनीक के दम पर बेहतरीन लिफ्ट पूरी की और एक बार फिर विश्व स्तर पर अपनी ताकत का लोहा मनवाया।
इस प्रतियोगिता में उत्तर कोरिया की री सॉन्ग-गम ने स्वर्ण पदक जीतते हुए नया विश्व रिकॉर्ड बनाया, जबकि थाईलैंड की थन्याथॉन सकचरओन ने कांस्य पदक अपने नाम किया। मीराबाई ने स्नैच में 84 किग्रा का सफल प्रयास किया और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा उठाकर कुल 199 किग्रा का प्रदर्शन किया, जो उनके करियर की स्थिरता और निरंतर मेहनत को दर्शाता है।
इससे पहले अगस्त 2025 में मीराबाई ने अहमदाबाद में आयोजित कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर शानदार वापसी की थी। उस समय उन्होंने 193 किग्रा का वजन उठाकर भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था। उस सफलता के बाद उनकी नज़रें विश्व चैंपियनशिप पर थीं और इस बार भी उन्होंने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए देश के लिए सिल्वर जीता।
मीराबाई चानू के करियर की यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। 2017 में उन्होंने विश्व खिताब जीता था, जबकि टोक्यो ओलंपिक 2021 में रजत पदक जीतकर वे भारत की शान बनी थीं। पेरिस ओलंपिक 2024 के चुनौतीपूर्ण अनुभव के बाद उन्होंने प्रशिक्षण और फिटनेस पर खास ध्यान दिया और उसी का नतीजा है कि 2025 में वे एक बार फिर शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन कर रही हैं।
भारतीय वेटलिफ्टिंग फेडरेशन और खेल प्रेमियों के लिए मीराबाई की यह उपलब्धि गर्व का विषय है। यह पदक न केवल उनके करियर को नई ऊंचाई देता है, बल्कि भारतीय टीम के मनोबल को भी मज़बूत करता है। आने वाले ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 और एशियाई प्रतियोगिताओं के लिए यह सफलता एक सकारात्मक संकेत है। मीराबाई का यह सिल्वर मेडल साबित करता है कि कड़ी मेहनत, धैर्य और समर्पण से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
