वायनाड : केरल के वायनाड में कांग्रेस पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के बावजूद स्थानीय कार्यकर्ता नाराज़ हैं और संगठन में गुटबाज़ी बढ़ती जा रही है।
प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड में अपने दौरे के दौरान कई कार्यक्रमों में शामिल हैं, लेकिन स्थानीय कांग्रेस जिला इकाई को इनके बारे में पूर्व सूचना नहीं दी जा रही है। स्थानीय नेताओं का आरोप है कि कार्यक्रमों का आयोजन मुख्य रूप से पार्टी के उच्चाधिकारियों द्वारा तय किया जा रहा है और स्थानीय कार्यकर्ताओं की भागीदारी कम हो रही है।
इस दौरान वायनाड कांग्रेस में पहले भी कई चिंताजनक घटनाएँ सामने आई हैं। कुछ कार्यकर्ताओं ने कर्ज और दबाव के कारण आत्महत्या की कोशिश की, जबकि एक कार्यकर्ता ने अपनी जान तक दे दी। स्थानीय नेता मानते हैं कि यह पार्टी की संगठनात्मक कमज़ोरी और नेतृत्व के बीच समन्वय की कमी का नतीजा है।
स्थानीय कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि प्रियंका गांधी का दौरा विधानसभा सत्र के दौरान किया जा रहा है, जिससे उनके पास समय कम है और यह दौरा अधिकतर ‘फोटो ऑप’ की तरह प्रतीत हो रहा है। पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनके साथ संवाद और समन्वय बढ़ाया जाए, ताकि जनता के बीच वास्तविक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकें।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस तरह का असंतोष और गुटबाज़ी जारी रही, तो यह वायनाड में कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति पर असर डाल सकता है। पार्टी अब यह देखने के मोड़ पर है कि प्रियंका गांधी के दौरे का लाभ संगठनात्मक मजबूती में कैसे बदलता है
