रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान: “भारत पड़ोसियों के साथ रिश्तों में भाग्यशाली नहीं रहा”

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 1965 के भारत-पाक युद्ध के वीर सैनिकों के साथ आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भारत की विदेश और सुरक्षा नीति पर विचार साझा किए। इस मौके पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि स्वतंत्रता के बाद से भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों के मामले में भाग्यशाली नहीं रहा। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसे देश की नियति मानने के बजाय भारत ने हमेशा परिस्थितियों को बदलने और खुद अपनी तकदीर गढ़ने का काम किया है।

साउथ ब्लॉक में हुए इस कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने 1965 के युद्ध नायकों को नमन किया और उनकी शौर्यगाथा को याद करते हुए कहा कि चुनौतियाँ बार-बार सामने आईं, लेकिन भारत ने हर कठिनाई का सामना साहस, बलिदान और एकजुटता से किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी हालात ने देश का मनोबल नहीं तोड़ा, बल्कि हर संकट ने राष्ट्र को और अधिक दृढ़ और आत्मनिर्भर बनाया।

अपने भाषण में रक्षा मंत्री ने हाल के ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने देशवासियों को गहरा आघात दिया, लोगों के मन में दुख और क्रोध भर दिया, लेकिन इससे भारत का हौसला कमजोर नहीं हुआ। बल्कि इस घटना ने पूरे राष्ट्र को यह विश्वास दिलाया कि चाहे कैसी भी चुनौती आए, देशवासी और सशस्त्र बल उसे मात देने की क्षमता रखते हैं।

राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि आज भारत ऐसी स्थिति में है कि संकट आने पर न केवल सेना बल्कि पूरा देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय बदल चुका है—भारत केवल चुनौतियों का सामना नहीं करता, बल्कि जीत को अपनी आदत बना चुका है।

कार्यक्रम में उपस्थित 1965 युद्ध के दिग्गजों को सम्मानित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह वीर सैनिक हमारे गौरव और प्रेरणा के प्रतीक हैं। उन्होंने बल देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा केवल सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राष्ट्र के सामूहिक संकल्प और एकता पर टिकी हुई है।

राजनाथ सिंह के इस बयान से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि भारत पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ते चाहता है, लेकिन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई ताकत भारत को नुकसान पहुँचाने का प्रयास करेगी तो भारतीय सेना और जनता मिलकर उसका करारा जवाब देंगे।

समापन में रक्षा मंत्री ने 1965 युद्ध के नायकों को नमन करते हुए कहा कि उनकी शौर्यगाथाएँ हमेशा देश को प्रेरणा देती रहेंगी। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार और सशस्त्र बल निरंतर देश की सुरक्षा और एकता को सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।

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