बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई है। प्रदेश स्तर पर स्क्रीनिंग कमेटियों द्वारा तैयार की गई सूची आलाकमान को भेज दी गई है, जहां अब केंद्रीय चुनाव समिति प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाएगी।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि टिकट वितरण और सीट चयन का अधिकार आलाकमान को सौंप दिया गया है। इसका मुख्य कारण यह है कि महागठबंधन (INDIA गठबंधन) के भीतर अभी सीटों के बंटवारे पर पूरी सहमति नहीं बन पाई है। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि गठबंधन की साझेदारी को ध्यान में रखकर ही प्रत्याशियों की घोषणा की जाए, ताकि किसी तरह का टकराव न हो।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस ने इस बार 60 से 76 सीटों पर दावेदारी का प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि, यह संख्या अभी अंतिम नहीं मानी जा रही है। गठबंधन के प्रमुख सहयोगी आरजेडी और अन्य दल कांग्रेस की हिस्सेदारी घटाने की मांग कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस अधिक सीटों पर चुनाव लड़कर प्रदेश में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। यही कारण है कि दिल्ली में चल रही बैठकों को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रत्येक सीट के लिए 2 से 3 संभावित नाम भेजे हैं। इन नामों की समीक्षा करने के बाद केंद्रीय चुनाव समिति अंतिम निर्णय लेगी। इस प्रक्रिया में न केवल स्थानीय समीकरण बल्कि जातीय और क्षेत्रीय संतुलन को भी ध्यान में रखा जाएगा। पार्टी का प्रयास है कि सही उम्मीदवारों के चयन से न केवल कांग्रेस का आधार मज़बूत हो बल्कि गठबंधन के वोट बैंक को भी अधिकतम लाभ मिले।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस अधिक सीटों पर चुनाव लड़ती है तो गठबंधन के भीतर असहमति बढ़ सकती है। वहीं, अगर वह अपनी सीटें कम करती है तो प्रदेश में उसका राजनीतिक प्रभाव सीमित हो सकता है। इस द्वंद्व को देखते हुए पार्टी आलाकमान को संतुलन साधना बड़ी चुनौती होगी।
दिल्ली में होने वाली यह बैठक पार्टी की रणनीतिक दिशा तय करेगी। स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा चुने गए नामों में से केंद्रीय चुनाव समिति अंतिम उम्मीदवार तय करेगी और गठबंधन की सहमति बनने के बाद ही उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया से स्पष्ट है कि बिहार की चुनावी बिसात पर कांग्रेस ने दिल्ली दरबार को निर्णायक मोर्चा बना दिया है और इसका सीधा असर आने वाले चुनावी नतीजों पर पड़ेगा।
