नई दिल्ली। देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित भव्य समारोह में सी.पी. (चंद्रपुरम पोनुसामी) राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्रिमंडल के कई सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। समारोह औपचारिक गरिमा और संवैधानिक परंपराओं के अनुरूप संपन्न हुआ।
राधाकृष्णन हाल ही में हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए थे। उन्हें 452 वोट मिले थे, जबकि विपक्षी उम्मीदवार और पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 मत प्राप्त हुए। इस तरह उन्होंने 152 मतों के अंतर से यह अहम जीत दर्ज की। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही यह तय हो गया था कि देश को एक अनुभवी और संगठनात्मक पृष्ठभूमि वाला उपराष्ट्रपति मिलेगा।
गौरतलब है कि जुलाई 2025 में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति का संवैधानिक पद कुछ समय तक खाली रहा। ऐसे में राधाकृष्णन का चयन और आज का शपथ ग्रहण इस रिक्तता को समाप्त करते हुए देश को नई संसदीय नेतृत्व शक्ति प्रदान करता है।
समारोह में प्रधानमंत्री मोदी और पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ के साथ-साथ कई वरिष्ठ मंत्री, सांसद और अन्य संवैधानिक पदाधिकारी शामिल हुए। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, गणतंत्र मंडप को विशेष रूप से इस ऐतिहासिक अवसर के लिए सजाया गया था और पूरे आयोजन की व्यवस्था राष्ट्रपति सचिवालय तथा प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने संभाली।
नए उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के बाद राजनीतिक हलकों में उन्हें बधाई देने का सिलसिला भी शुरू हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सुचारु संचालन और संवैधानिक परंपराओं के निर्वहन की सराहना की।
संविधान के अनुसार उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं। ऐसे में राधाकृष्णन अब न केवल देश के दूसरे सबसे ऊंचे संवैधानिक पद पर हैं, बल्कि आने वाले समय में संसद के ऊपरी सदन के संचालन की भी जिम्मेदारी उनके कंधों पर होगी। उनका अनुभव और सरल स्वभाव इस भूमिका को निभाने में अहम साबित हो सकता है।
