जम्मू-कश्मीर से दिल्ली तक एनआईए का शिकंजा, आतंक फंडिंग और नेटवर्क पर कार्रवाई

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद के खिलाफ एक और बड़ा अभियान चलाते हुए सोमवार को जम्मू-कश्मीर समेत देश के पांच राज्यों में एक साथ छापेमारी की। एजेंसी ने कुल 22 अलग-अलग ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई आतंकवादी साजिश और उससे जुड़े नेटवर्क व फंडिंग से संबंधित जांच के तहत की गई।

सूत्रों के मुताबिक, जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छापेमारी हुई उनमें जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, असम और दिल्ली शामिल हैं। एनआईए की टीमें स्थानीय पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के सहयोग से सुबह-सुबह विभिन्न घरों और परिसरों में पहुंचीं और तलाशी शुरू की। बताया जा रहा है कि एजेंसी को कई संदिग्ध गतिविधियों और वित्तीय लेन-देन की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर यह छापे डाले गए।

जम्मू-कश्मीर में बारामुला, कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जैसे जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया। यहां एनआईए ने कई स्थानों पर छानबीन की और संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी की। हालांकि अब तक किसी गिरफ्तारी या जब्त सामग्री के बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जांच एजेंसी का कहना है कि इन छापों का उद्देश्य आतंकी नेटवर्क के तारों को खोजना, ओवरग्राउंड वर्कर्स के कनेक्शन का पता लगाना और फंडिंग चैनलों की गहराई से जांच करना है।

एनआईए पिछले कुछ समय से पाकिस्तान समर्थित संगठनों और उनके स्थानीय मददगारों द्वारा जम्मू-कश्मीर में रची जा रही आतंकी साजिशों पर नजर रखे हुए है। हाल के महीनों में एजेंसी ने कई बार घाटी में छापेमारी कर सबूत जुटाए हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस तरह की कार्रवाइयों का मकसद केवल वर्तमान मामलों की पड़ताल करना नहीं है, बल्कि आगे के बड़े हमलों को रोकना और आतंकी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना भी है।

फिलहाल एनआईए ने अपनी कार्रवाई को लेकर आधिकारिक बयान में अधिक जानकारी साझा नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि तलाशी से प्राप्त सबूतों की जांच की जा रही है और आवश्यकतानुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान को केंद्र सरकार की आतंकवाद-विरोधी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसका लक्ष्य देशभर में सक्रिय आतंकी तंत्र को जड़ से खत्म करना है।

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