लखनऊ, 25 अगस्त 2025 — उत्तर प्रदेश के लाखों छात्रों को बड़ी राहत मिलने वाली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि शैक्षणिक सत्र 2024–25 में छात्रवृत्ति से वंचित रह गए विद्यार्थियों को भी लाभ दिया जाएगा। इसके लिए छात्रवृत्ति पोर्टल को दोबारा खोला जाएगा। अनुमान है कि इस फैसले से करीब छह लाख छात्र-छात्राओं को सीधा लाभ मिलेगा।
क्यों हुई थी दिक्कत?
पिछले शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति आवेदन प्रक्रिया में कई खामियां सामने आई थीं। कई शिक्षण संस्थानों ने समय पर छात्रों के आवेदन लॉक और फॉरवर्ड नहीं किए, वहीं कुछ विश्वविद्यालयों में नोडल अधिकारियों ने आवेदन प्रोसेस तक नहीं किए। यहां तक कि अलीगढ़ स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने तो पोर्टल पर लॉग-इन भी नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि हजारों पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित रहना पड़ा।
किसे मिलेगा लाभ?
यह राहत उन्हीं छात्रों को दी जाएगी जिन्होंने 2024–25 में समय से आवेदन किया था लेकिन संस्थागत/प्रशासनिक लापरवाही के कारण छात्रवृत्ति से वंचित रह गए।
अनुसूचित जाति/जनजाति (SC/ST) छात्र: यदि परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख तक है।
अन्य वर्ग के छात्र: यदि परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख तक है।
इन छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ-साथ फीस प्रतिपूर्ति का भी लाभ दिया जाएगा।
सरकार की तैयारी
सरकार ने इसके लिए लगभग ₹300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। यह राशि अनुपूरक बजट और पुनर्विनियोग से जुटाई जाएगी। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव लक्कु वेंकटेश्वर लू ने बताया कि मुख्यमंत्री की सहमति के बाद प्रस्ताव अब राज्य कैबिनेट को भेजा जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही पोर्टल दोबारा खोलकर छात्रों का डेटा प्रोसेस और वेरिफिकेशन शुरू कर दिया जाएगा।
छात्रों को क्या करना होगा?
पोर्टल के खुलते ही संस्थान और नोडल अधिकारी लंबित आवेदनों को फॉरवर्ड और वेरिफाई करेंगे। छात्रों को अपने सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखने होंगे। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह अवसर केवल उन्हीं छात्रों के लिए होगा जिन्होंने पिछले वर्ष समय से पंजीकरण कराया था।
मौजूदा सत्र की प्रक्रिया
यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह राहत सिर्फ 2024–25 सत्र में छूटे छात्रों के लिए है। मौजूदा सत्र 2025–26 की छात्रवृत्ति प्रक्रिया पहले से ही scholarship.up.gov.in पोर्टल पर चल रही है।
निचोड़
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह निर्णय उन छात्रों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, जो अपनी गलती के कारण नहीं बल्कि संस्थागत लापरवाही की वजह से छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे। सरकार की इस पहल से लाखों विद्यार्थियों की शिक्षा पर आने वाला आर्थिक बोझ कम होगा और उन्हें अपने अध्ययन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
