ग़ज़ा युद्ध: इस्राइली हमलों में दर्जनों फलस्तीनी मारे गए, अकाल घोषित होने से गहराया मानवीय संकट

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ग़ज़ा/यरूशलम/जिनेवा – ग़ज़ा पट्टी में हालात दिन-ब-दिन और भयावह होते जा रहे हैं। इस्राइली हवाई और जमीनी हमलों के बीच जहां लगातार नागरिकों की मौतें हो रही हैं, वहीं अब संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ग़ज़ा सिटी को अकाल (Famine) की आधिकारिक स्थिति में घोषित कर दिया है। यह घोषणा पहले से ही भूख और भुखमरी से जूझ रही आबादी के लिए बेहद चिंताजनक है।

बढ़ते हमले और तबाही

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ग़ज़ा सिटी, ज़ैतून, शुजाइया और खान यूनिस इलाकों में बीते 24 घंटों के दौरान कई इलाकों पर बमबारी हुई। नागरिकों से भरे आश्रय और सहायता वितरण केंद्र भी निशाने पर आए, जिससे महिलाओं और बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग मारे गए। अस्पतालों में घायलों की भीड़ लगी हुई है और कई मरीज कुपोषण की वजह से उपचार का जवाब नहीं दे पा रहे।

अकाल की पुष्टि और भूख का फैलाव

विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, डब्ल्यूएफपी और एफएओ की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार ग़ज़ा सिटी आधिकारिक तौर पर अकाल की चपेट में है। रिपोर्ट का अनुमान है कि 6.4 लाख से अधिक लोग अगले कुछ हफ्तों में भुखमरी के सबसे गंभीर स्तर (IPC Phase 5) का सामना कर सकते हैं।

अस्पतालों में गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

कई परिवार दिन में केवल एक बार भोजन कर पाने को मजबूर हैं।

दूध और दवाओं की भारी किल्लत है, जिससे नवजात और घायल सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

सहायता पर अवरोध और मानवीय संकट

मानवीय संगठनों का कहना है कि ग़ज़ा में सहायता पहुँचाना बेहद कठिन हो गया है। रफ़ा क्रॉसिंग लंबे समय से बंद है और केरेम शालोम से केवल सीमित ट्रकों को ही प्रवेश की अनुमति मिल रही है। मिस्र और जॉर्डन में बड़ी संख्या में राहत सामग्री के ट्रक अटके हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र की स्थिति रिपोर्ट बताती है कि केवल एक सप्ताह में ही 400 से अधिक लोगों की मौत और 2,600 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। कई मौतें उन स्थानों पर हुईं, जहां लोग भोजन और पानी लेने के लिए कतारों में खड़े थे।

मौत और हताहतों का आँकड़ा

ग़ज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अक्टूबर 2023 से अब तक 62,000 से अधिक फलस्तीनी मारे जा चुके हैं। हाल के दिनों में भी दर्जनों मौतें हुई हैं, जबकि ज़मीन पर स्वतंत्र रूप से आँकड़ों की पुष्टि कर पाना मुश्किल है।

दोनों पक्षों के बयान

इस्राइल का दावा है कि उसकी कार्रवाई केवल हमास के ठिकानों पर केंद्रित है और मानवीय सहायता को बढ़ावा दिया जा रहा है। इज़राइल ने यह भी आरोप लगाया कि हमास राहत सामग्री को रोकता और लूटता है।

फलस्तीनी पक्ष का आरोप है कि इस्राइली हमलों में नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और भोजन व दवाइयों की कतारों तक को बख्शा नहीं गया।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने तुरंत युद्धविराम और सुरक्षित मानवीय पहुंच की अपील की है। उनका कहना है कि अगर हालात पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो ग़ज़ा में भुखमरी और मौतों का आंकड़ा और भी भयावह हो सकता है। कई यूरोपीय देशों और वैश्विक संगठनों ने ग़ज़ा संकट पर चिंता जताते हुए इज़राइल और हमास दोनों से संयम बरतने की अपील की है

निष्कर्ष

ग़ज़ा युद्ध अब केवल सैन्य संघर्ष नहीं रह गया है, बल्कि यह एक गहरी मानवीय त्रासदी में बदल चुका है। लगातार हो रही मौतें, बमबारी से तबाह मकान, भूख और कुपोषण से जूझते बच्चे और सहायता की कमी – ये सब मिलकर ग़ज़ा को एक भयावह मानवीय संकट में धकेल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तत्काल युद्धविराम और बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता नहीं पहुँची, तो आने वाले हफ्तों में स्थिति और भी विकराल हो जाएगी।

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