ED की बड़ी कार्रवाई: तमिलनाडु मंत्री पेरियासामी के घरों पर छापे, DMK ने BJP पर लगाया आरोप

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चेन्नई, तमिलनाडु की राजनीति में शनिवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आई. पेरियासामी और उनके विधायक पुत्र आई.पी. सेंथिलकुमार से जुड़े परिसरों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई और इसे हाल के वर्षों की बड़ी रेड माना जा रहा है।

छापेमारी कहाँ हुई?

सूत्रों के अनुसार, सुबह छह बजे से ही ED की टीमों ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर एक्शन शुरू किया।

चेन्नई: ग्रीनवेज़ रोड स्थित मंत्री का आधिकारिक आवास और तिरुवल्लिकेणी MLA गेस्ट हाउस।

मदुरै और दिंडीगुल: परिवार और सहयोगियों से जुड़े ठिकाने।

तलाशी के दौरान कई घंटों तक दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाले गए। सुरक्षा को देखते हुए स्थानीय पुलिस की तैनाती भी बढ़ा दी गई थी।

मंत्री पेरियासामी और परिवार पर जांच

आई. पेरियासामी मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की कैबिनेट में ग्रामीण विकास विभाग का प्रभार संभालते हैं। उनके पुत्र आई.पी. सेंथिलकुमार भी विधायक हैं। ED को संदेह है कि इनके परिवार से जुड़े कुछ वित्तीय लेन-देन संदिग्ध हैं और इन्हीं की जांच के लिए छापेमारी की गई।

कनिमोझी का BJP पर हमला

छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने भाजपा पर सीधा निशाना साधा। उन्होंने कहा > “केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्षी दलों को डराने के लिए किया जा रहा है, लेकिन DMK कभी नहीं डरेगी। हम हर कानूनी और राजनीतिक मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे।”कनिमोझी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा जब भी किसी राज्य में राजनीतिक तौर पर कमजोर पड़ती है, तब वहां इस तरह की जांच एजेंसियों को सक्रिय कर देती है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

तमिलनाडु में यह पहली बार नहीं है कि किसी डीएमके नेता के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने कार्रवाई की हो। पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के कई नेताओं पर ED और CBI की रेड हो चुकी है।

डीएमके इन कार्रवाइयों को हमेशा “राजनीतिक प्रतिशोध” बताती रही है।

जबकि भाजपा और केंद्र सरकार का दावा है कि यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी “जीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा है।

आगे की प्रक्रिया

छापेमारी के बाद ED ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और डिजिटल रिकॉर्ड कब्जे में लिए हैं। अब एजेंसी इनकी जांच करेगी और जरूरत पड़ने पर संबंधित लोगों को समन जारी कर सकती है। आने वाले दिनों में इस मामले का असर तमिलनाडु की राजनीति पर साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।

निष्कर्ष

मंत्री आई. पेरियासामी के घरों और कार्यालयों पर हुई इस कार्रवाई ने राज्य की राजनीति को हिला दिया है। जहां भाजपा और केंद्र की एजेंसियां इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम बता रही हैं, वहीं डीएमके इसे विपक्ष को डराने की साजिश मान रही है। जांच के नतीजों से तय होगा कि आने वाले समय में इस मामले का कानूनी और राजनीतिक असर कितना गहरा होगा।

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