PMGSY-III झटका: पंजाब में 64 सड़कें और 38 पुल परियोजनाएं निरस्त

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चंडीगढ़, 14 अगस्त 2025 — प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III (PMGSY-III) के तहत पंजाब को स्वीकृत ₹800 करोड़ से अधिक की सड़क और पुल परियोजनाएं केंद्र सरकार ने रद्द कर दी हैं। केंद्र ने इसका कारण राज्य सरकार द्वारा समय पर टेंडर जारी न करना और निर्माण कार्य प्रारंभ करने में देरी बताया है। यह निर्णय भगवंत मान सरकार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर तब जब राज्य पहले से वित्तीय तंगी का सामना कर रहा है।

किन परियोजनाओं पर पड़ेगा असर

रद्द किए गए पैकेजों में कुल 64 सड़कें (लगभग 628.48 किमी) और 15 मीटर से लंबे 38 पुल शामिल थे। इनकी कुल अनुमानित लागत लगभग ₹828.87 करोड़ थी और शर्त थी कि कार्य 31 मार्च तक प्रारंभ हो जाए।

केंद्र का पक्ष

केंद्र सरकार का कहना है कि पंजाब की एजेंसियां समयसीमा के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाईं और साइट पर कार्य भी शुरू नहीं हुआ। PMGSY-III का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में प्रमुख लिंक सड़कों और थ्रू रूट्स को मजबूत करना है, लेकिन देरी की स्थिति में स्वीकृत राशि अन्य राज्यों को स्थानांतरित की जा सकती है।

पंजाब सरकार की आपत्ति

राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस निर्णय पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि सीमावर्ती जिलों—अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरनतारण—में कई सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। विभाग का दावा है कि कुछ सड़कें सांसदों की सिफारिश पर ‘अति-आवश्यक’ श्रेणी में थीं और कार्य शीघ्र शुरू होने वाला था। ऐसे में पैकेज रद्द होना ग्रामीण जनता के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है।

पृष्ठभूमि: RDF फंड पर भी रोक

इससे पहले भी राज्य सरकार ने केंद्र पर ₹7,000–₹7,700 करोड़ के ग्रामीण विकास फंड (RDF) जारी न करने का आरोप लगाया था। RDF का उपयोग ग्रामीण सड़कों की मरम्मत और मंडियों के उन्नयन के लिए किया जाता है। फंड जारी न होने से पहले ही कई परियोजनाएं प्रभावित थीं, और अब PMGSY पैकेज रद्द होने से यह संकट और गहरा सकता है।

वैकल्पिक प्रयास

पंजाब सरकार ने हाल ही में 8,000 किमी ग्रामीण सड़कों की मरम्मत के लिए ₹800 करोड़ की योजना बनाई थी। इसके अलावा, पहले से 12,000 किमी सड़क मरम्मत के लिए लिए गए ₹1,800 करोड़ के ऋण को भी इसमें जोड़ा गया है। साथ ही 500 आधुनिक पंचायती घर और कॉमन सर्विस सेंटर बनाने के लिए ₹125 करोड़ की परियोजना शुरू की गई है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

पिछले दिनों किसानों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने ‘लैंड पूलिंग पॉलिसी’ वापस ली थी। अब PMGSY पैकेज रद्द होने के बाद विपक्ष ने केंद्र और राज्य दोनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह विवाद आने वाले समय में केंद्र-राज्य संबंधों में और तनाव ला सकता है।

आगे की राह

राज्य सरकार केंद्र से इन परियोजनाओं के पुनर्विचार और पुनः स्वीकृति के लिए अनुरोध कर सकती है। इसके लिए स्पष्ट टाइमलाइन, टेंडर शेड्यूल और कार्यारंभ योजना प्रस्तुत करनी होगी। वहीं, अत्यावश्यक सड़कों के लिए राज्य को वैकल्पिक वित्तीय संसाधन जुटाने होंगे।

 

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