जेरूसलम/गाजा, 8 अगस्त 2025: इज़राइल की सुरक्षा कैबिनेट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उस रणनीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत इज़राइली सेना गाजा सिटी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करेगी। इस फैसले से गाजा युद्ध एक नए और अधिक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है।
क्या है योजना?
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने हाल में कहा कि इज़राइल का उद्देश्य गाजा पर स्थायी कब्जा नहीं है, बल्कि “सुरक्षा घेरा” बनाकर वहाँ से हमास के शासन को पूरी तरह समाप्त करना है। इसके बाद गाजा का प्रशासन संभवतः किसी अंतरराष्ट्रीय या क्षेत्रीय अरब प्राधिकरण को सौंपा जाएगा।
सुरक्षा कैबिनेट की स्वीकृति
इज़राइल की सुरक्षा कैबिनेट ने इस योजना को स्वीकृति देकर सेना को गाजा सिटी में आगे बढ़ने और सैन्य संचालन को व्यापक करने की छूट दी है। अभी तक इज़राइल गाजा के लगभग 75% क्षेत्र पर नियंत्रण कर चुका है।
विपक्ष और आलोचना
इज़राइली सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारी और खुफिया एजेंसियों के पूर्व प्रमुखों ने इस योजना की आलोचना की है। उनका मानना है कि इससे:
संघर्ष लंबा खिंच सकता है,
बंधकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है,
और फिलिस्तीनी आबादी में भारी विस्थापन और मानवीय संकट उत्पन्न हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यूएन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों ने इस प्रस्ताव पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि गाजा पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण क्षेत्रीय अस्थिरता और नागरिकों की दुर्दशा को और गहरा कर सकता है।
मानवाधिकार संकट
गाजा में पहले ही हालात बेहद खराब हैं:
करीब 60,000 लोगों की मौत हो चुकी है,
लाखों लोग बेघर और विस्थापित हो चुके हैं,
भोजन और स्वास्थ्य सेवाओं की भारी किल्लत है।
नेतन्याहू का बयान
प्रधानमंत्री ने कहा: “हम गाजा को स्थायी रूप से नहीं रखना चाहते, लेकिन जब तक सुरक्षा के लिए ज़रूरी हो, तब तक सैन्य नियंत्रण बनाए रखा जाएगा।”
निष्कर्ष
इस योजना से गाजा में शांति की संभावना फिलहाल दूर होती दिख रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अब इस पर टिकी है कि क्या यह कदम स्थायित्व लाएगा या युद्ध को और भड़काएगा।
