नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा लागू किए गए नए रोस्टर और पायलट विश्राम नियमों के बाद इंडिगो के परिचालन पर बड़ा असर देखने को मिला है। बुधवार को देशभर में एयरलाइन की 150 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जबकि कई उड़ानें देर से संचालित हुईं। सबसे अधिक प्रभाव बेंगलुरु एयरपोर्ट पर देखा गया, जहां अकेले 73 उड़ानें रद्द होने की पुष्टि हुई। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और अन्य बड़े हवाई अड्डों पर भी यात्री सुबह से ही अव्यवस्था का सामना करते रहे। एयरलाइन के परिचालन में इस अचानक आई बाधा ने हजारों यात्रियों की यात्रा योजना को प्रभावित किया, जिनमें से कई को टिकट काउंटरों पर लंबी कतारों और अस्पष्ट जानकारी की शिकायत करनी पड़ी।
इंडिगो के परिचालन संकट की मुख्य वजह डीजीसीए द्वारा लागू किए गए नए FDTL और रोस्टर नियम बताए जा रहे हैं, जिनके चलते पायलट और क्रू के ड्यूटी-घंटों में बदलाव करना पड़ा। एयरलाइन को अचानक नए मानकों के अनुसार अपने विशाल नेटवर्क का पुनर्गठन करना पड़ा, जिसके कारण कई उड़ानों को कम समय में ही रद्द या पुनर्निर्धारित करना पड़ा। इसके अलावा तकनीकी गड़बड़ियों, मौसम में बदलाव, और व्यस्त हवाई अड्डों पर बढ़ती भीड़ ने स्थिति को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना दिया। इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि नए नियमों के साथ तालमेल बैठाने के दौरान एयरलाइन पर अतिरिक्त दबाव पड़ा, जिससे उड़ानों में रद्दीकरण तेजी से बढ़े।
घटनाक्रम के बाद डीजीसीए ने इंडिगो से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और एयरलाइन को रद्दीकरण व देरी के कारणों की स्पष्ट व्याख्या देने के लिए तलब किया है। नियामक ने हालिया व्यवधान को गंभीरता से लेते हुए यह भी पूछा है कि एयरलाइन यात्रियों को क्या राहत प्रदान कर रही है और परिचालन को सामान्य करने के लिए क्या योजना तैयार की गई है। आंकड़ों के अनुसार, इंडिगो के रद्दीकरणों में पिछले महीने ही उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई थी, जब नवंबर में लगभग 1,232 उड़ानें रद्द हुई थीं, जिनमें से अधिकांश क्रू-संबंधित कारणों से प्रभावित थीं।
उधर इंडिगो ने यात्रियों से माफी मांगते हुए कहा है कि वह स्थिति सुधारने के लिए ‘कैलिब्रेटेड शेड्यूल एडजस्टमेंट’ कर रही है और अगले 48 घंटों के भीतर परिचालन को सामान्य करने की कोशिश कर रही है। एयरलाइन ने प्रभावित यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानें, रिफंड और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने की बात कही है, हालांकि कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि एयरपोर्ट काउंटरों पर उन्हें समय पर सूचना और व्यवस्था नहीं मिल पाई। लगातार उड़ान रद्द होने से न केवल इंडिगो की समयनिष्ठा पर असर पड़ा है, बल्कि अन्य एयरलाइंस के शेड्यूल पर भी दबाव बढ़ा है, क्योंकि व्यापक नेटवर्क व्यवधान से कनेक्टिंग फ्लाइट्स की भी श्रृंखला प्रभावित हुई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि एयरलाइन अपने क्रू-प्रबंधन और शेड्यूलिंग सिस्टम को नए नियमों के अनुरूप जल्द नहीं ढाल पाती, तो यात्रियों के भरोसे और एयरलाइन की परिचालन क्षमता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। फिलहाल DGCA की जांच और इंडिगो की सुधारात्मक कार्रवाई आने वाले दिनों में यह तय करेगी कि परिचालन कितनी जल्दी सामान्य हो पाएगा और क्या एयरलाइन अपने नेटवर्क को भविष्य के लिए अधिक लचीला बना पाएगी।













