प्रदूषण के खिलाफ रैली में नक्सली समर्थन का विवाद, दिल्ली पुलिस ने कई को पकड़ा

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दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर रविवार शाम को प्रदूषण के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन अचानक विवादों में घिर गया, जब भीड़ के बीच कुछ व्यक्तियों ने हाल ही में मारे गए माओवादी कमांडर मद्वी हिडमा के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए और उसके पोस्टर लहराते दिखाई दिए। प्रदर्शन मूलतः दिल्ली-एनसीआर की बिगड़ती वायु गुणवत्ता के खिलाफ आयोजित किया गया था, लेकिन हिडमा की तस्वीरें और समर्थक नारेबाज़ी सामने आते ही माहौल तनावपूर्ण हो गया। इससे प्रदर्शन का उद्देश्य बदलता हुआ प्रतीत हुआ और पुलिस तत्काल सक्रिय हो गई।

स्थिति तब और बिगड़ी जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने इंडिया गेट के पास सड़क पर बैठकर ट्रैफिक रोकने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें कई बार हटने की चेतावनी दी और याद दिलाया कि दिल्ली में नियमित प्रदर्शनों के लिए जंतर-मंतर को निर्धारित स्थान माना जाता है। लेकिन जब समूह हटने को तैयार नहीं हुआ, तो पुलिस ने उन्हें एक–एक कर हटाना शुरू किया। इसी दौरान दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की हुई और कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा सुरक्षा कर्मियों पर मिर्ची स्प्रे जैसे पदार्थ का उपयोग किए जाने की शिकायतें भी सामने आईं, जिसके कारण कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें आंखों में जलन की समस्या हुई।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में हिडमा के पोस्टर और ‘हिडमा जिंदाबाद’ जैसे विवादित नारे साफ़ सुने गए, ऐसे में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया। जिन व्यक्तियों ने नक्सल समर्थक नारे लगाए या पोस्टर दिखाए, उन्हें चिन्हित कर उनके खिलाफ अलग-अलग धाराओं में FIR दर्ज की जा रही है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के नाम पर किसी भी प्रकार की उग्र या चरमपंथी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार लगभग 15 से 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जबकि कुछ को पूछताछ के बाद छोड़ा भी जा सकता है।

घटना को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी तेज हो गईं। भाजपा और अन्य दलों ने विरोध प्रदर्शन में नक्सली समर्थन की झलक पर कड़ा विरोध जताया और आरोप लगाया कि प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे को भटकाने की कोशिश की गई है। कुछ आयोजकों ने सफाई दी कि वे प्रदूषण के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आए थे और किसी भी प्रकार की उग्र गतिविधि का समर्थन नहीं करते। उनका कहना था कि कुछ बाहरी तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, जिससे प्रदर्शन का मूल उद्देश्य प्रभावित हुआ।

मद्वी हिडमा की पृष्ठभूमि भी इस विवाद को और गंभीर बनाती है। छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में कई बड़े नक्सली हमलों का जिम्मेदार बताए जाने वाला हिडमा हाल ही में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में मारा गया था। उसकी मौत के बाद उसके समर्थन में किसी भी सार्वजनिक स्थल पर नारे लगाए जाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चिंता का विषय माना जा रहा है। इसलिए पुलिस इस घटना को सिर्फ एक साधारण अव्यवस्था नहीं बल्कि कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दे के तौर पर देख रही है।

इंडिया गेट की घटना ने एक बार फिर दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ बढ़ते जनआक्रोश और प्रशासनिक सख्ती के बीच संतुलन की चुनौती को भी उजागर किया है। दिल्ली की हवा लगातार खतरनाक स्तर पर है और इसे लेकर नागरिकों में गहरी नाराजगी है, लेकिन प्रदर्शन के दौरान हुई गड़बड़ी ने शांतिपूर्ण आंदोलन को विवादों में घसीट लिया। पुलिस की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारी या सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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