बिहार में सियासी घमासान: तेजस्वी ने नीतीश की घोषणाओं को बताया चुनावी जुमला

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नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालिया घोषणाओं पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार जिन योजनाओं और वादों की झड़ी लगा रही है, उनका वित्तीय आधार आखिर कहां से आएगा। तेजस्वी ने दावा किया कि इन घोषणाओं की कुल राशि सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक बैठती है, जबकि राज्य का मौजूदा बजट और आय इतनी बड़ी राशि को पूरा करने की स्थिति में नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता को यह जानने का हक है कि आखिर सरकार इतनी बड़ी रकम कहां से लाएगी और क्या यह सब सिर्फ चुनावी वादे हैं।

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधी चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनकी घोषणाएं व्यावहारिक और ईमानदार हैं तो वह सार्वजनिक मंच पर बहस करने के लिए सामने आएं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ दिखावटी घोषणाएं कर रही है और असल में उनके लिए न तो वित्तीय प्रावधान है और न ही कोई ठोस योजना। तेजस्वी का कहना था कि यह सवाल केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे बिहार की जनता का है, जिसे मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने भ्रष्टाचार और राजस्व प्रबंधन के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि जब राज्य की आमदनी का कोई स्पष्ट स्रोत सामने नहीं है और भ्रष्टाचार पर भी प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा, तब इतनी बड़ी घोषणाएं करना जनता को भ्रमित करने जैसा है। तेजस्वी ने जोर देकर कहा कि जनता अब सिर्फ वादों से संतुष्ट नहीं होगी, बल्कि घोषणाओं के पीछे की हकीकत और बजट का हिसाब भी देखना चाहेगी।

चुनावी मौसम में इस बयानबाजी से बिहार की राजनीति में गरमी बढ़ गई है। विश्लेषकों का मानना है कि तेजस्वी यादव की यह रणनीति नीतीश सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगाने की कोशिश है। वहीं, मुख्यमंत्री और उनकी टीम पर दबाव बढ़ गया है कि वे अपनी घोषणाओं का वित्तीय स्रोत और व्यावहारिकता स्पष्ट करें। अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बहस की चुनौती को स्वीकार करते हैं या नहीं।

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