तमिलनाडु के करूर जिले में 27 सितंबर 2025 को एक दुखद घटना सामने आई, जब अभिनेता विजय की राजनीतिक रैली के दौरान भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 39 लोगों की जान चली गई और 95 से अधिक लोग घायल हो गए। रैली के दौरान भारी भीड़ उमड़ी, जो आयोजकों द्वारा अनुमत संख्या से कहीं अधिक थी, और कई लोग गिरकर कुचल गए। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने तुरंत राहत कार्यों की निगरानी के लिए अधिकारियों को तैनात किया और मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की। रैली में आए समर्थकों की भीड़ इतनी अधिक थी कि विजय के मंच पर पहुंचते ही लोग उन्हें देखने के लिए टूट पड़े, जिससे भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हुई।
AIADMK महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने इस घटना के लिए पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा में चूक को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने पर्याप्त सुरक्षा नहीं प्रदान की, जबकि सत्ताधारी DMK के कार्यक्रमों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत थी। पलानीस्वामी ने कहा, “अगर पुलिस ने उचित सुरक्षा उपाय किए होते, तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी।”
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रैली स्थल पर बिजली की कटौती, संकरी सड़कें, अत्यधिक गर्मी और अपर्याप्त जल व्यवस्था जैसी समस्याओं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। लंबे इंतजार के बाद समर्थकों में उत्तेजना बढ़ी और लोग विजय को देखने के लिए एक साथ आगे बढ़े, जिससे भगदड़ की घटना हुई।
अभिनेता विजय ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया।
तमिलनाडु सरकार ने घटना की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश अरुणा जगदीशन करेंगी। आयोग पुलिस और प्रशासन की भूमिका की जांच करेगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेगा।
यह घटना तमिलनाडु में राजनीतिक रैलियों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। भारी भीड़, अपर्याप्त सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही के कारण इस तरह की त्रासदियाँ सामने आती हैं। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय और बेहतर भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था की आवश्यकता है।
