थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेटकेओ अपने वर्तमान कार्यकाल के बाद पहली बार भारत के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे हैं। यह यात्रा 29 नवंबर से 2 दिसंबर तक निर्धारित है, जिसके दौरान वे नई दिल्ली में कई महत्वपूर्ण राजनयिक बैठकों में हिस्सा लेंगे। उनके आगमन को भारत-थाईलैंड संबंधों में नई सक्रियता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि दोनों देश हाल के वर्षों में आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक सहयोग को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
दिल्ली पहुंचने के बाद सिहासक फुआंगकेटकेओ की मुख्य औपचारिक बैठक भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ निर्धारित की गई है। यह बैठक हाइड्राबाद हाउस में होगी, जिसमें दोनों नेता द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत बनाने के लिए व्यापक चर्चा करेंगे। वार्ता के प्रमुख विषयों में व्यापार निवेश बढ़ाना, समुद्री सुरक्षा, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग, तकनीक और साइबर सुरक्षा साझेदारी, पर्यटन प्रोत्साहन तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल रहने की उम्मीद है।
थाई विदेश मंत्री की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब एशिया–प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ तेजी से बदल रही हैं। दोनों देश क्षेत्रीय स्तर पर स्थिरता, कनेक्टिविटी और आपसी व्यापार को और मजबूती देने पर जोर दे रहे हैं। भारत और थाईलैंड न केवल आसियान मंच पर सहयोगी हैं बल्कि इंडो-पैसिफिक रणनीति में भी समान विचार रखते हैं, जिससे इस यात्रा का रणनीतिक महत्व और बढ़ जाता है।
सिहासक फुआंगकेटकेओ की दिल्ली यात्रा के दौरान कुछ औपचारिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तावित हैं। उनके साथ उनकी पत्नी भी भारत आई हैं, जिन्हें विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित विशेष अतिथि कार्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। यात्रा के अंत में वे 2 दिसंबर को भारत से प्रस्थान करेंगे। राजनयिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी को एक नई गति दे सकता है और आने वाले महीनों में उच्चस्तरीय संवाद का मार्ग प्रशस्त करेगा।













