नुआपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के बाद ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी का आरोप है कि मतदान के दौरान कई बूथों पर ईवीएम में गड़बड़ियाँ सामने आईं, जिनसे चुनाव परिणाम प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। बीजद के नेताओं का कहना है कि मतदान दिवस पर कई मतदाताओं ने मशीनों में तकनीकी दिक्कत, वोट दर्ज न होने और धीमी गति से मतदान होने की शिकायतें की थीं। इन शिकायतों और वायरल हुए वीडियो के आधार पर पार्टी ने कहा कि मतदान के दौरान चुनावी मशीनरी के दुरुपयोग की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि इस पूरे मामले पर आंतरिक समीक्षा और चर्चा के बाद चुनाव आयोग से औपचारिक शिकायत करने का निर्णय लिया गया है। बीजद ने आरोप लगाया कि स्थानीय चुनाव अधिकारियों को पहले भी गड़बड़ियों की जानकारी दी गई थी, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। पार्टी की ओर से मांग की गई है कि संदिग्ध ईवीएमों की फोरेंसिक जाँच कराई जाए और सभी विवादित बूथों पर वीवीपैट पर्चियों का क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जाए। साथ ही, मतदान प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों की भूमिका की भी निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
दूसरी ओर, ओडिशा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मतदान सामान्य रूप से और शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। सीईओ कार्यालय का कहना है कि जहां-जहां तकनीकी दिक्कतें मिलीं, वहां ईवीएम को तुरंत बदल दिया गया और मतदान पुनः शुरू कराया गया। प्रशासन का यह भी कहना है कि सोशल मीडिया पर फैले कुछ वीडियो भ्रामक हो सकते हैं और कई मामलों की प्रारंभिक जांच में किसी भी तरह की मशीन-छेड़छाड़ का सबूत नहीं मिला है।
इस बीच चुनाव के बाद राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। बीजद और कांग्रेस, दोनों ने भाजपा पर प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करने और मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। वहीं, भाजपा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजद उपचुनाव के परिणामों से परेशान होकर बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित शिकायतें कर रही है। कुछ स्थानीय रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि एक-दो मतदान अधिकारियों के खिलाफ प्रक्रियागत उल्लंघन पर कार्रवाई की गई है, जिसे प्रशासन आंतरिक प्रक्रिया का हिस्सा बता रहा है।
बीजद ने स्पष्ट किया है कि वह जल्द ही चुनाव आयोग को विस्तृत शिकायत भेजेगी और आयोग से निष्पक्ष तथा समयबद्ध जांच की अपेक्षा करती है। पार्टी ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि चुनाव के दौरान हुई हर शिकायत की जांच पारदर्शिता के साथ की जाए। अब सभी की निगाहें चुनाव आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि उपचुनाव विवाद का क्या निष्कर्ष सामने आता है।













