इलेक्ट्रॉनिक्स नीति-2025 पर तेज़ी: यूपी में मेन्युफैक्चरिंग एवं डेटा-सेंटर निवेश को बढ़ावा

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य की तकनीकी प्रगति और निवेश परिस्थितियों का व्यापक आकलन किया। बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्टार्टअप इकोसिस्टम को और सशक्त बनाने के लिए ऐसी नीतियाँ लागू की जाएँ जो युवाओं को अधिक अवसर दें और निवेशकों के लिए प्रक्रियाएँ सरल और पारदर्शी हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी सेक्टर में तेजी से हो रहे बदलावों को देखते हुए प्रशिक्षण, कौशल-विकास और नई तकनीकों की पहुँच को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि युवा उद्यमियों के लिए को-वर्किंग स्पेस, टेस्टिंग लैब, इनोवेशन सेंटर और मार्केट-लिंकिंग जैसी सुविधाएँ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराई जाएँ, जिससे छोटे और नए स्टार्टअप भी गति पकड़ सकें।

बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, सेमीकंडक्टर उद्योग और डेटा सेंटर निवेश से जुड़ी मौजूदा परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि हाल के वर्षों में यूपी में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और कई प्रतिष्ठित कंपनियाँ राज्य में निवेश के लिए रुचि दिखा रही हैं। मुख्यमंत्री ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और YEIDA क्षेत्र में बड़े परियोजनाओं के लिए भूमि-बैंक तैयार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि निवेशकों को एक सुव्यवस्थित औद्योगिक इकोसिस्टम उपलब्ध हो सके।

इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सरकार की विभिन्न नीतियों—जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति और डेटा सेंटर नीति—का ज़मीनी स्तर पर तेजी से क्रियान्वयन हो। उन्होंने कहा कि निवेश प्रोत्साहन, अनुदान और सब्सिडी जैसी योजनाओं के भुगतान में पारदर्शिता और समयबद्धता बनाए रखना आवश्यक है, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हो और नई कंपनियों को राज्य में स्थापित होने का प्रोत्साहन मिल सके। मुख्यमंत्री ने विभागों के बीच बेहतर तालमेल, जवाबदेही और प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए कहा कि इन कदमों से यूपी आने वाले वर्षों में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स का राष्ट्रीय केंद्र बन सकता है।

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