भारत रत्न एल. के. आडवाणी ने मनाया 98वां जन्मदिन, प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

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भारतीय राजनीति के दिग्गज और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक लालकृष्ण आडवाणी आज अपने जीवन के 98वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में जन्मे आडवाणी स्वतंत्र भारत के राजनीतिक इतिहास के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को नई दिशा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर संदेश साझा करते हुए लिखा कि “आडवाणी जी का जीवन राष्ट्र निर्माण और जनसेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उन्होंने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से भाजपा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।”

एल. के. आडवाणी ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से की थी और आगे चलकर उन्होंने भारतीय जनसंघ तथा बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। 1990 के दशक में उनकी राम रथ यात्रा भारतीय राजनीति का एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुई, जिसने भाजपा को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। आडवाणी कई बार लोकसभा सांसद रहे, 1998 से 2004 तक वे केंद्रीय गृह मंत्री रहे और 2002 से 2004 के बीच देश के उपप्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली।

उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 2024 में भारत रत्न से सम्मानित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में उनके आवास पर जाकर उन्हें यह सम्मान प्रदान किया। यह क्षण न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भाजपा परिवार और देश के राजनीतिक जगत के लिए गर्व का विषय रहा।

आडवाणी का जीवन सरलता, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने अपने छह दशकों से अधिक लंबे राजनीतिक सफर में न सिर्फ भाजपा को मजबूत किया, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थायित्व और सशक्त पहचान दी। उनके जन्मदिन पर देशभर के नेता, पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं और उनके दीर्घायु एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं।

लालकृष्ण आडवाणी का जीवन भारतीय राजनीति के उस युग का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने विचार, सिद्धांत और संगठन को राजनीति का आधार बनाया। राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण आज भी नई पीढ़ी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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