दुलारचंद हत्याकांड ने मोकामा की राजनीति में मचाई हलचल, सीआईडी कर रही तहकीकात

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बिहार के मोकामा में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह घटना 30 अक्टूबर को मोकामा विधानसभा क्षेत्र में उस समय हुई जब चुनावी माहौल चरम पर था। बताया जाता है कि उस दिन दो राजनीतिक गुटों के बीच झड़प हुई, जिसके दौरान गोलीबारी हुई और दुलारचंद को गोली लग गई। उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय राजनीति को हिला दिया है, क्योंकि मृतक दुलारचंद को जनसुराज पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता और लोकप्रिय चेहरे के रूप में जाना जाता था।

हत्या के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया, जिसके चलते पुलिस ने भारी संख्या में बल तैनात किया और मोकामा तथा आसपास के इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई। अब तक पुलिस ने इस मामले में करीब 80 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें जदयू के पूर्व विधायक और मोकामा से प्रत्याशी अनंत सिंह का नाम भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए कई लोगों से पूछताछ चल रही है और कुछ संदिग्धों से गहन पूछताछ के बाद नए नाम सामने आने की संभावना है।

घटना की गंभीरता और इसके राजनीतिक आयाम को देखते हुए जांच अब बिहार पुलिस की सीआईडी को सौंप दी गई है। सीआईडी की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। टीम अब तक घटनास्थल से एकत्र किए गए फोरेंसिक सबूत, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड की जांच कर रही है। इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट और स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं ताकि हत्या की साजिश और इसके पीछे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।

इस बीच, प्रशासन ने मोकामा और आसपास के संवेदनशील इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय किए हैं। अधिकारियों ने धारा 144 लागू करने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय पुलिस ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और जांच में सहयोग करने की अपील की है।

दुलारचंद यादव के परिवार और समर्थकों ने न्याय की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिवार का कहना है कि हत्या पूरी तरह से राजनीतिक रंजिश का नतीजा है और इसकी साजिश काफी समय से रची जा रही थी। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने सरकार पर कानून व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

फिलहाल सीआईडी मामले से जुड़े हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। टीम ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं और घटनास्थल का पुनर्निर्माण (रि-क्रिएशन) करने की भी योजना बनाई जा रही है ताकि गोलीबारी की दिशा और दूरी का पता लगाया जा सके। उम्मीद की जा रही है कि जांच पूरी होने के बाद जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।

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