वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़: कई श्रद्धालुओं की मौत, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया दुख

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आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के कसिबुग्गा स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार (1 नवम्बर 2025) को एकादशी के अवसर पर भारी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार इस दर्दनाक घटना में कम से कम 9 से 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई श्रद्धालु घायल हुए हैं। घायलों को तत्काल पास के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए पुलिस, दमकल और आपदा प्रबंधन टीमों को तुरंत मौके पर भेजा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मंदिर परिसर में सुबह पूजा-अर्चना के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ गई थी। सीमित जगह में बड़ी भीड़ के एक साथ आगे बढ़ने के कारण अफरा-तफरी मच गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। प्रशासन का कहना है कि हादसे के बाद स्थिति को नियंत्रित करने में कई घंटे लगे। फिलहाल मंदिर क्षेत्र को खाली करा लिया गया है और पुलिस ने घटनास्थल की सुरक्षा बढ़ा दी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की भी कामना की। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना पर दुख जताया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से मुआवजे की घोषणा की। पीएमओ की ओर से जारी बयान के अनुसार मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि घायलों के इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही न हो और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद पहुंचाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं, विपक्षी दलों ने इस हादसे पर सरकार से सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि उचित सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के इंतज़ाम किए गए होते तो यह त्रासदी टाली जा सकती थी। विपक्ष ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए यह सुनिश्चित करने की बात कही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

फिलहाल प्रशासन ने घटनास्थल पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और हादसे की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि भीड़ नियंत्रण के इंतज़ाम पर्याप्त नहीं थे और निकास मार्ग संकरे होने के कारण भगदड़ तेजी से फैल गई। राहत कार्य जारी है और स्थानीय प्रशासन लगातार अस्पतालों और पीड़ित परिवारों के संपर्क में है।

यह हादसा एक बार फिर दर्शाता है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था कितनी जरूरी है। श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर जैसे लोकप्रिय तीर्थ स्थलों पर हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता स्पष्ट रूप से महसूस की जा रही है।

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