भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। दोनों देशों ने 10 वर्षों के लिए रक्षा सहयोग ढांचे पर सहमति जताई है, जिससे दोनों के बीच सामरिक साझेदारी और तकनीकी तालमेल को और मज़बूती मिलेगी। इस समझौते की घोषणा मलैशिया में आयोजित आसियान (ASEAN) रक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान की गई, जहां भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ (Pete Hegseth) के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।
यह 10 वर्षीय रक्षा फ्रेमवर्क 2025 से 2035 तक लागू रहेगा और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा प्रौद्योगिकी, खुफिया साझेदारी, संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण और रक्षा उद्योग में सह-उत्पादन को बढ़ावा देना है। समझौते में हथियार निर्माण, एयरोस्पेस, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में भी गहन सहयोग की रूपरेखा तय की गई है। इसके तहत रक्षा आपूर्ति शृंखलाओं को और मजबूत किया जाएगा ताकि वैश्विक संकटों के दौरान भी दोनों देशों के सैन्य ढांचे में निरंतरता बनी रहे।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह समझौता केवल रक्षा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारत की “मेक इन इंडिया” नीति को भी गति देगा। सह-निर्माण और तकनीकी हस्तांतरण से भारतीय रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी। अमेरिका के लिए भी यह समझौता एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थापित करने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे चीन की बढ़ती गतिविधियों पर सामरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के साथ कई महत्वपूर्ण रक्षा समझौते किए हैं, जिनमें लॉजिस्टिक एक्सचेंज, कम्युनिकेशन सिक्योरिटी और बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) जैसे करार शामिल हैं। नया 10 वर्षीय फ्रेमवर्क इन्हीं समझौतों का विस्तार है, जो भविष्य की चुनौतियों से निपटने में दोनों देशों को सामरिक रूप से तैयार करेगा।
अगले चरण में दोनों देश इस समझौते के तहत कार्यान्वयन की रूपरेखा तय करेंगे। इसमें संवेदनशील रक्षा तकनीकों की साझेदारी, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं की पहचान और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सामूहिक अभ्यासों का कार्यक्रम शामिल होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समझौते से भारत-अमेरिका रक्षा संबंध और अधिक गहरे होंगे और यह आने वाले दशक में वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य को नया आकार दे सकता है।













