दिल्ली पीआरएस सेवाएं रहेंगी दो घंटे के लिए बंद, रेलवे करेगा कोर स्विच अपग्रेड

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उत्तरी रेलवे ने एक महत्वपूर्ण सूचना जारी करते हुए बताया है कि दिल्ली स्थित यात्री आरक्षण प्रणाली (Passenger Reservation System – PRS) की सेवाएं आगामी 2 नवंबर 2025 की मध्यरात्रि में दो घंटे के लिए अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। यह बंदी रात 00:05 बजे से 02:05 बजे तक प्रभावी रहेगी। इस दौरान पुराने कोर स्विचों को नए कोर स्विचों में स्थानांतरित (शिफ्ट) करने का कार्य किया जाएगा। रेलवे प्रशासन के अनुसार, यह तकनीकी प्रक्रिया प्रणाली के आधुनिकीकरण और सेवा गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से की जा रही है, जिससे भविष्य में यात्रियों को अधिक तेज़ और भरोसेमंद सेवाएं मिल सकेंगी।

रेलवे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इस निर्धारित अवधि में दिल्ली पीआरएस से जुड़ी कई महत्वपूर्ण सेवाएं अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। इनमें पीएनआर (PNR) पूछताछ, करंट रिजर्वेशन, इंटरनेट बुकिंग, टिकट रद्दीकरण, चार्टिंग, ईडीआर (EDR), प्राइम्स (PRIMES) एप्लिकेशन और उत्तरी क्षेत्र के काउंटरों पर उपलब्ध एनटीईएस (NTES) जैसी प्रमुख सेवाएं शामिल हैं। इन सेवाओं के ठप रहने के कारण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की बुकिंग प्रक्रियाएं प्रभावित होंगी। इससे यात्रियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से उन लोगों को जो उसी रात या अगले दिन यात्रा की योजना बना रहे हैं।

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे 2 नवंबर की रात में किसी भी तरह की टिकट बुकिंग या रद्दीकरण से बचें और अपने सभी आरक्षण संबंधी कार्य पहले ही पूरा कर लें। साथ ही, यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपने यात्रा कार्यक्रम की जांच पहले से कर लें और किसी भी संभावित असुविधा से बचने के लिए समय रहते बुकिंग करा लें। यदि किसी यात्री की यात्रा उसी रात या अगले दिन सुबह निर्धारित है, तो उन्हें टिकट या आरक्षण से जुड़े कार्य 1 नवंबर की देर शाम तक निपटा लेने चाहिए।

उत्तरी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने जानकारी देते हुए बताया कि रेलवे नेटवर्क में पुराने कोर स्विचों को नए और आधुनिक स्विचों से बदलने का कार्य एक आवश्यक तकनीकी प्रक्रिया है, जिससे सिस्टम की कार्यक्षमता, डेटा ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा को और मजबूत बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह अपग्रेड भारतीय रेलवे की डिजिटल संरचना को भविष्य के लिए तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि आने वाले समय में नेटवर्क और बुकिंग सिस्टम पहले से अधिक तेज़, स्थिर और सुरक्षित हों।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, कोर स्विच अपग्रेड जैसी प्रक्रियाएं रेलवे के आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर में समय-समय पर की जाती हैं ताकि सिस्टम में आने वाली तकनीकी बाधाओं को दूर किया जा सके। इस तरह के अपग्रेडेशन से न केवल बुकिंग सिस्टम की गति में सुधार होता है बल्कि सर्वर ओवरलोड जैसी समस्याओं को भी कम किया जा सकता है। हालांकि इन प्रक्रियाओं के दौरान कुछ घंटों के लिए असुविधा होना स्वाभाविक है, लेकिन दीर्घकाल में इससे यात्रियों को अधिक सुगम और विश्वसनीय सेवाएं प्राप्त होती हैं।

रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि निर्धारित तकनीकी गतिविधि के पूरा होने के बाद सभी सेवाएं पूरी तरह से बहाल कर दी जाएंगी और सामान्य रूप से उपलब्ध होंगी। तकनीकी दल द्वारा सिस्टम का परीक्षण और सत्यापन (वेरिफिकेशन) प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सेवाएं पुनः चालू की जाएंगी, ताकि किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी न रहे। रेलवे के अनुसार, इस दौरान आवश्यक सुरक्षा और निगरानी उपाय भी अपनाए जा रहे हैं ताकि डेटा की सुरक्षा और नेटवर्क की अखंडता बनी रहे।

यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे हेल्पलाइन और स्टेशन स्तर पर अतिरिक्त सहायता टीमों की तैनाती की जाएगी। स्टेशन मास्टर और बुकिंग कार्यालयों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे यात्रियों को आवश्यक जानकारी प्रदान करें और उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में मार्गदर्शन दें। इसके अलावा, रेलवे ने मीडिया से भी अपील की है कि इस सूचना को व्यापक रूप से प्रसारित करें ताकि यात्रियों तक यह संदेश समय पर पहुँच सके और वे किसी भी असुविधा से बच सकें।

रेलवे विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार के तकनीकी अपग्रेडेशन भारतीय रेलवे के डिजिटल ट्रांजिशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं। नेटवर्क स्विच अपग्रेड न केवल सिस्टम की कार्यक्षमता में वृद्धि करते हैं, बल्कि साइबर सुरक्षा के स्तर को भी मजबूत बनाते हैं। आने वाले समय में भारतीय रेलवे का पूरा आरक्षण ढांचा अत्याधुनिक आईटी संरचना पर आधारित होगा, जिसमें गति और स्थायित्व दोनों का संतुलन सुनिश्चित किया जाएगा।

अंत में, रेलवे ने यात्रियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि यह अस्थायी बंदी केवल तकनीकी सुधार के लिए है और इससे भविष्य में सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। निर्धारित गतिविधि पूरी होने के बाद सभी सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध करा दी जाएंगी।

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