मुंबई में आयोजित एक बड़े पार्टी कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर एक सशक्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसी “बैसाखी” के सहारे नहीं, बल्कि अपने संगठन, कार्यकर्ताओं और जनता के अपार समर्थन के बल पर आगे बढ़ रही है। शाह ने स्पष्ट किया कि भाजपा का आधार किसी गठबंधन या बाहरी सहयोग पर नहीं टिका है, बल्कि यह पार्टी अपने स्वयं के बल और जनाधार पर खड़ी है। उनके इस बयान को महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों और संभावित चुनावी समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है।
अमित शाह ने अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता अब वंशवाद, अवसरवाद और विश्वासघात की राजनीति से तंग आ चुकी है। भाजपा ने हमेशा विकास, सुशासन और जनसेवा को केंद्र में रखा है, यही उसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे गांव-गांव जाकर केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुँचाएं, ताकि संगठन की जड़ें और मजबूत हों।
इस दौरान भाजपा नेताओं और पदाधिकारियों ने राज्य में संगठन की मजबूती, आगामी चुनावी रणनीति और स्थानीय मुद्दों पर चर्चा की। शाह ने कहा कि महाराष्ट्र भाजपा के लिए सिर्फ एक राजनीतिक मैदान नहीं, बल्कि विचारधारा का केंद्र है, जहाँ पार्टी का जनाधार निरंतर बढ़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी के अंदर एकजुटता और अनुशासन ही उसकी सबसे बड़ी पहचान है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमित शाह का यह बयान न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए दिया गया है, बल्कि यह विपक्ष को भी एक संदेश देता है कि महाराष्ट्र में भाजपा अब किसी समझौते या गठबंधन पर निर्भर नहीं रहेगी। शाह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य की राजनीति में लगातार गठबंधन परिवर्तन और सत्ता समीकरणों के फेरबदल हो रहे हैं। उनके इस संदेश से यह साफ झलकता है कि भाजपा आने वाले चुनावों में “अपने दम पर” मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।












